उन्होंने कहा है कि वह छह अक्टूबर को समाजवादी पार्टी में राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की मौजूदगी में सपा में जाएंगे। कभी रमाकांत यादव ने कहा था कि सपा में उनकी लाश ही जाएगी। जब मीडिया ने उनको इस बयान की याद दिलायी तो उन्होंने कहा कि अगर लाश होती तो नहीं जाती, मैं जिंदा हूं इसलिये जा रहा हूं।
इस दौरान उन्होंने मोदी और योगी सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि बेरोजगारी, महंगाई और अपराध लगातार बढ़े हैं। गरीबों की जिंदगी मुश्किल हो गयी है। साथ ही यह भी भविष्यवाणी कर दी कि 2022 में यूपी में अखिलेश यादव की सरकार बनेगी।
इस दौरान जब उनसे पूछा गया कि आप पहले भाजपा में थे और फिर कांग्रेस में गए। एक नेशनल पार्टी छोड़कर क्षेत्रीय पार्टी समाजवादी पार्टी में जा रहे हैं। इसका उन्होंने सीधा जवाब देने के बजाय कहा कि मैं किसी पार्टी पर टिप्पणी नहीं करूंगा। योगी सरकार के विशेष सत्र के बहिष्कार को लेकर सवाल के जवाब में कहा कि विपक्ष का काम है कि सरकार अगर गलत काम कर रही हो तो उसे रोकने की कोशिश करते हैं। सत्ता के मद में आकर जब लोग रुकते नहीं हैं तो विपक्ष बहिष्कार करता है।
बताते चलें कि रमाकांत यादव भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर 2014 की मोदी लहर में आजमगढ़ से मुलायम सिंह यादव के हाथों चुनाव हारे थे। उसके बाद वह हाशिये पर चले गए। फूलपुर, गोरखपुर समेत सीटों पर हुए लोकसभा उपचुनाव में बीजेपी की हार के बाद रमाकांत ने सीएम योगी आदित्यनाथ के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। 2019 लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने रमाकांत की जगह दिनेश लाल यादव निरहुआ को अखिलेश यादव के खिलाफ टिकट दे दिया, जिसके बाद उन्होंने भाजपा छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम लिया। भदोही से लोकसभा चुनाव लड़े लेकिन हार का सामना करना पड़ा। अब रमाकांत यादव पहले भी समाजवादी पार्टी में रह चुके हैं अब एक बार फिर उनकी वापसी हो रही है।
By Ran Vijay Singh