script#DusKaDum: सोनिया गांधी से लेकर अदिति सिंह तक इन 10 महिलाओं से डरते हैं बड़े-बड़े कद्दावर राजनेता, अब करेंगी ये काम | UP Dus Ka Dum Top Female Leaders of Uttar Pradesh | Patrika News
लखनऊ

#DusKaDum: सोनिया गांधी से लेकर अदिति सिंह तक इन 10 महिलाओं से डरते हैं बड़े-बड़े कद्दावर राजनेता, अब करेंगी ये काम

– राजनीति के क्षेत्र में यूपी में 10 ऐसी राजनेता महिलाएं हैं-यूपी की राजनीति तो बिना मायावती के अधूरी ही रहेगी

लखनऊAug 10, 2019 / 01:58 pm

Ruchi Sharma

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#DusKaDum: सोनिया गांधी से लेकर अदिति सिंह तक इन 10 महिलाओं से डरते हैं बड़े-बड़े कद्दावर राजनेता, अब करेंगी ये काम

लखनऊ. उत्तर प्रदेश में हर क्षेत्र में महिलाएं कामयाबी कामयाबी की बुलंदी छू रही हैं। राजनीति के क्षेत्र में यूपी में 10 ऐसी राजनेता महिलाएं हैं। जिनकी हनक के आगे यूपी के सभी बड़े-बड़े राजनीति के खिलाड़ी थर-थर कांपते है। ये राजनेता महिलाएं ऐसी है जो जनता के लिए कार्य करती है और जनता के दिल में अपनी जगह बनाती हैं। जिससे राजनीति क्षेत्र के बड़े-बड़े विपक्षी नेताओं की ताकत डर के मारे जनता के सामने फीकी पड़ जाती है। आइए जानते है इन 10 महिला राजनेताओं के बारे में करीब से..
 


स्मृति ईरानी

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के अभेद्य राजनीतिक गढ़ माने जाने वाले उत्तर प्रदेश की अमेठी लोकसभा सीट पर कब्जा कर भारतीय जनता पार्टी में मजबूत होकर उभरी स्मृति ईरानी ने तेज तर्रार और इरादे की पक्की महिला नेता के रूप में पहचान बनाई है। वर्ष 2014 में पहली बार गांधी को अमेठी में चुनौती देने वाली ईरानी ने हार से मायूस होने के बजाय वहां जमीनी स्तर पर काम किया और अपनी पैठ बनाकर इस संसदीय सीट पर गांधी को इस बार 50 हजार से अधिक मतों से हराकर पार्टी का जनाधार बढ़ाया।
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सोनिया गांधी

सियासत में ‘सोनिया’ होने का मतलब है, न चाहते हुए भी सफल राजनीति करना। सोनिया गांधी ने ये बखूबी किया। 1998 में कांग्रेस के अध्यक्ष पद को संभाला और पार्टी को एक बार फिर से नया अस्तित्व दिया। सोनिया गांधी की अध्यक्षता में कांग्रेस ने केंद्र में 2 बार सरकार बनाई। पहली बार 2004 में और दूसरी बार 2009 में, दोनों ही बार कांग्रेस की ओर से डॉ मनमोहन सिंह का प्रधानमंत्री बनाया गया। जब अटल बिहारी वाजपेयी की लोकप्रियता को मात देकर 2004 में सोनिया गांधी ने कांग्रेस को जीत दिलाई और केंद्र में सत्ता हासिल की, तब लोगों ने उनकी छवि में इंदिरा गांधी को तलाशना शुरू कर दिया था।
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मायावती

यूपी की राजनीति तो बिना मायावती के अधूरी ही रहेगी। मायावती यूपी राज्य की दो बार मुख्यमंत्री रह चुकी हैं। वर्तमान में मायावती देश की राजनीति मे में अपनी अहम भूमिका निभा रही हैं। ये बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं।
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अनुप्रिया पटेल

अनुप्रिया पटेल अपना दल पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। अपने तीखे भाषणों के चलते अक्सर सुर्खियों में रहती हैं। राजनीति में शायद उन्हें बहुत लंबा समय न हुआ हो, लेकिन हर बार उन्होंने खुद को साबित किया है। पिता से ही अनुप्रिया की राजनीतिक गुर सीखे हैं। 2009 में पिता की एक्सीडेंट में मौत के बाद अनुप्रिया पटेल ने सक्रीय राजनीति में एंट्री की और यूपी की एक बड़ी नेता के रूप में उभरीं। अनुप्रिया पटेल ने 2012 के विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया। रोहानिया से अनुप्रिया पटेल ने चुनाव में जीत हासिल की और पहली बार विधायक बनीं।
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मेनका गांधी

मेनका गांधी गांधी सुलतानपुर से सांसद है। इससे पूर्व में वे एक अच्छी पत्रकार भी रह चुकी हैं। मेनका गांधी आज बीजेपी की कद्दावर नेताओं में में से एक हैं जिनके सामने अच्छे से अच्छे नेताओं की जुवान लड़खड़ाने लगती है। वह अपने पति संजय गांधी के देहान्त के बाद सन 1982 में राजनीति में आई थी।
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अदिति सिंह

अदिति सिंह यूपी के जनपद रायबरेली से विधायक है। संयुक्त राज्य अमेरिका में ड्यूक यूनिवर्सिटी में प्रबंधन में डिग्री के लिए भाग लेने से पहले, आदिति को दिल्ली और मुसोरियों में शिक्षित किया गया था। वह अपने राजनीतिक जीवन से पहले समाज सेवा का कार्य कर रही थी।
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रीता बहुगुणा जोशी

रीता बहुगुणा जोशी इलाहाबाद से सांसद है। कांग्रेस पार्टी को छोड़कर भाजपा में शामिल हुई थी। वह चुनाव के पहले ही बीजेपी में शामिल हुई थीं और उन्होंने चुनाव में मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव को भी हराया था। जिससे समाजवादी पार्टी को बड़ा झटका लगा था। रीता बहुगुणा जोशी की ब्राह्मणों में अच्छी पकड़ मानी जाती है। वह राष्ट्रीय महिला परिषद की उपाध्यक्ष भी रह चुकी हैं। उन्हें संयुक्त राष्ट्र की ओर से दक्षिण एशिया की सर्वाधिक प्रतिष्ठित महिलाओंश् में शुमार भी किया गया था।
Sadhvi Niranjan Jyoti
साध्वी निरंजन ज्योति

साध्वी निरंजन ज्योति फतेहपुर से सांसद है। इनकी सबसे अधिक रुचि आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के बच्चों को पढ़ाने और कन्याओं का विवाह कराने में है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की एक सक्रिय भारतीय राजनेता है। उन्हें नवंबर 2014 में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री नियुक्त किया गया था।
Sadhvi Niranjan Jyoti
केशरी देवी पटेल

केशरी देवी पटेल फूलपुर से सांसद है। केशरी देवी पटेल ने 2017 में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या के नेतृत्व में उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया था। केशरी देवी पटेल लगातार पांच बार इलाहाबाद मण्डल की जिला पंचायत अध्यक्ष रही हैं। 2017 में उन्होंने रेखा सिंह के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया था।
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हेमा मालिनी

हेमा मालिनी मथुरा से सांसद है। हेमा साल 2004 में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुई और आज वो राजनीति की सफल महिलाओं में से एक हैं। हेमा मालिनी मार्च 2010 में बीजेपी की जनरल सेक्रेटरी बनी और इसी के साथ उनकी नियुक्ती लोक सभा के सदस्य के रूप में भी की गई।

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