मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी जयराम प्रसाद ने गुरुवार को अजीत कुमार की ओर से दायर मुकदमें पर सुनवाई करने के बाद हाजीपुर नगर थाना पुलिस को बसपा प्रमुख मायावती, पार्टी के महासचिव लखीमुद्दीन सिद्दीकी, बसपा के उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष रामचरण राजभर और प्रदेश सचिव मेवा लाल के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 156 ए (तीन) के तहत केस दर्ज करने का आदेश दिया।
कोर्ट ने केस दर्ज करने के साथ ही इसके जांच के भी आदेश दिए है। इससे पूर्व भाजपा के स्थानीय नेता और परिवादी अजीत सिंह ने बुधवार को कोर्ट में भारतीय दंड विधान की धारा 153ए ,153बी, 295ए, 506/34,120 बी और पास्को एक्ट 2012 की धारा 16 के तहत परिवाद दायर किया था।
दायर परिवाद में कहा गया कि 21 जुलाई 2016 को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के हजरतगंज इलाके में बसपा कार्यकर्ताओं ने भाजपा के तत्कालीन उपाध्यक्ष दयाशंकर के परिवार के खिलाफ प्रदर्शन करने के साथ-साथ अभद्र और अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया है।
परिवाद में यह भी कहा गया है कि प्रदर्शन के दौरान बसपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने जिस तरह का भाषण दिया है उससे राष्ट्रीय एकता, सामाजिक समरसकता को खतरा पैदा हो गया है। परिवादी ने इस संबंध में विभिन्न समाचार पत्रों में छपी मीडिया रिपोट्र्स का हवाला दिया है।