कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि सोनिया गांधी ने फोन पर दोनों नेताओं से मतभेद दूर करने के लिए बीच का रास्ता निकालने का आग्रह किया है। सोनिया गांधी ने कुछ दिन पहले नीतीश कुमार से उस समय भी बात की जब जद यू ने उपराष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष के उम्मीदवार गोपालकृष्ण गांधी को समर्थन दिया था। जदयू ने राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष के उम्मीदवार राजनाथ कोविंद का समर्थन नहीं किया था।
सूत्रों के अनुसार कांग्रेस अध्यक्ष ने महागठबंधन और विपक्ष की एकता बनाए रखने और संसद में सरकार के खिलाफ एकजुट रहने की अपील की। ऐसा माना जा रहा है कि नीतीश कुमार अपनी सरकार की भ्रष्टचार विरोधी छवि बनाए रखने के लिए राजद नेता तथा उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को मंत्रिमंडल से बाहर करने के पक्ष में हैं जिन पर बेनामी संपत्ति के आरोप लगे हैं।
इससे महागठबंधन टूटने की आशंका बढ़ गई है। दोनों दलों के नेता परस्पर लगातार तीखे हमले कर रहे हैं। गुरुवार को राजद के एक विधायक ने सरकार से समर्थन वापस लेने की यह कहते हुए धमकी दी कि जदयू को नहीं भूलना चाहिए कि राजद के 80 विधायकों की मदद से उसकी सरकार चल रही है। जदयू प्रवक्ता ने इसका करार जवाब दिया और कहा कि सत्ता उनके लिए महत्वपूर्ण नहीं है। पार्टी भ्रष्टाचार के खिलाफ है और इसके लिए पांच मिनट में ही सरकार छोड़ सकती है।