गौरतलब हो कि POK से आए इन परिवारों के पहचान के बाद हर परिवार को सरकार के तरफ से 5 लाख रुपए मिलेगा। साथ इस पैकेज का उपयोग पाक अधिकृत कश्मीर से आए शरणार्थियों के विकास कार्यों पर खर्च किया जाएगा। ये सभी शरणार्थी पाकिस्तान के पश्चिमी इलाके POK से आकर जम्मू, कठुआ और राजौरी जिलों के अलग – अलग हिस्सों में रह रहे हैं। बावजूद इसके वो जम्मी कशमीर के संविधान के मुताबिक राज्य के स्थाई निवासी के अंतर्गत नहीं आते हैं।
इन परिवारों में ऐसे लोग हैं जो 1947 के विभाजन के दौरान विस्थापित हो गए थे और बाकी के परिवार 1965 और 1971 की भारत – पाक युद्ध के समय स्थान परिवर्तन किए थे। ये सभी शरणार्थी लोकसभा चुनाव के दौरान तो वोट डाल सकते हैं लेकिन जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनावों में इनको वोट डालने की अनुमति नहीं है।
इससे पहले अगस्त महीने में पाक पाक अधिकृत कश्मीर से आए परिवारों के लिए जम्मू कश्मीर शरणार्थी कार्य समिति ने सरकार से 9,200 करोड़ रुपए की मांग की थी। मोदी सरकार ने इन विस्थापित परिवारों के लिए जिन रियायतों को मंजूरी दी है उसमें अर्धसैनिक बलों में भर्ती करने के लिए विशेष भर्ती अभियान चलाने के अलावा राज्य में समान रोजगार अवसर उपलब्ध कराने के साथ – साथ शरणार्थियों के बच्चों को केंद्रीय विद्यालयों में दाखिला से जुड़े कई अहम फैसले शामिल हैं।