गडकरी ने बताया कि उन्होंने अपनी गाड़ी पर लगी लाल बत्ती को भी हटा दिया है। गडकरी अपनी सरकारी गाड़ी से इस बत्ती को हटाने वाले पहले नेता हैं। उन्होंने कहा, ‘हमारी सरकार आम लोगों की सरकार है इसलिए हमने लाल बत्ती और हूटर्स का वीवीआईपी कल्चर खत्म करने का फैसला किया है।’ मंत्री ने इसे बड़ा लोकतांत्रिक फैसला बताते हुए कहा कि जल्द ही इस विषय में नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा।
गडकरी ने बताया कि कोई मंत्री या वरिष्ठ अधिकारी लाल बत्ती का उपयोग नहीं कर सकेगा। आपातकालीन वाहनों एम्बुलेंस, पुलिस और अग्निशामक वाहनों पर नीली बत्ती का उपयोग किया जा सकेगा। ऐसा देखा गया है कि लाल बत्ती लगे वाहनों के गुजरने के पहले ही सुरक्षाकर्मी सड़कों पर आम लोगों की आवाजाही बंद कर देते हैं और उनके गुजरने के बाद ही आम लोगों को आने जाने की इजाजत दी जाती है। इसके कारण कई बार गंभीर रूप से बीमार लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
काफिले में फंसे युवक ने स्मृति र्इरानी के सामने निकाला गुस्सा, बोला-आपकी सरकार भी अखिलेश जैसी वीवीपैट खरीद की मंजूरी केंद्रीय मंत्रिमंडल ने चुनाव में इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के साथ लगने वाली वोटर वेरिफियएबल पेपर ऑडिट ट्रायल सिस्टम ( वीवीपैट) की खरीद को मंजूरी दे दी। चुनाव आयोग ने सरकार से वीवीपैट की खरीद के लिए धन जारी करने का अनुरोध किया था।
वीवीआईपी कल्चर पर घिरे केजरीवाल, विपक्ष ने बोला हमला गौरतलब है कि पिछले दिनों पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद विपक्षी दलों ने ईवीएम में गड़बड़ी की शिकायत की थी और भविष्य में चुनाव बैलेट पेपर से कराने की मांग की थी। कांग्रेस ने इसी सप्ताह कहा था कि सरकार को वीवीपैट के लिए चुनाव आयोग द्वारा मांगी गई राशि तुरंत जारी करनी चाहिए और जब तक सभी ईवीएम के साथ वीवीपैट नहीं लग जाते तब तक चुनाव के लिए बैलेट पेपर का इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
ईवीएम के साथ वीवीपैट पर कांग्रेस के रुख का समर्थन आप पार्टी, बसपा, सपा पार्टी और तृणमूल कांग्रेस ने भी किया है। केंद्रीय मंत्रिमंडल का यह फैसला देश में चुनाव सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। वीवीपैट की खरीद से देश में भविष्य में लोकसभा और विधानसभा चुनावों में इनका इस्तेमाल सुनिश्चित हो सकेगा। वीवीपैट के माध्यम से मतदाता को यह पता चल सकेगा कि उसका वोट उसी उम्मीदवार को गया है या नहीं, जिसके लिए उसने ईवीएम का बटन दबाया था।