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सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों पर BAN लगाने से किया इंकार

सुप्रीम कोर्ट ने दीपावली पर्व के मौके पर पटाखे छोड़ने पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगाने से इंकार कर दिया है।  मुख्य न्यायाधीश एच एल दत्तू और न्यायमूर्ति अरूण कुमार मिश्रा की पीठ ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद ये फैसला दिया। 

Oct 28, 2015 / 05:54 pm

Nakul Devarshi

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सुप्रीम कोर्ट ने दीपावली पर्व के मौके पर पटाखे छोड़ने पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगाने से इंकार कर दिया है। मुख्य न्यायाधीश एच एल दत्तू और न्यायमूर्ति अरूण कुमार मिश्रा की पीठ ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद ये फैसला दिया। 

न्यायमूर्ति दत्तू ने कहा कि शीर्ष अदालत ने पटाखे छोड़ने के संदर्भ में 2005 में ही दिशानिर्देश जारी कर रखे हैं। न्यायालय ने उस वक्त भी आदेश दिया था कि दस बजे रात के बाद पटाखे छोड़ने की अनुमति नहीं होगी।

कोर्ट ने पटाखों पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगाने की याचिका को ठुकराते हुए केंद्र सरकार को पटाखों के दुष्प्रभावों के संबंध में जागरूकता फैलाने के लिए विज्ञापन जारी करने के निर्देश दिए हैं।


दरअसल, छह से 14 महीने की उम्र के तीन नवजातों के परिजनों की ओर से पटाखे छोड़ने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाए जाने का अनुरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका गई थी। 

याचिकाकर्ताओं अर्जुन गोपाल, अरव भंडारी और जोया राव भसीन ने दशहरे और दिवाली जैसे त्योहारों पर पटाखे छोड़ने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का न्यायालय से अनुरोध किया था। 

वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने याचिकाकर्ताओं की तरफ से कोर्ट में पैरवी की। उन्होंने दिवाली के अवसर पर केवल दो घंटे ही पटाखे जलाने की कोर्ट से अनुमति देने का अनुरोध किया। इसके बाद कोर्ट ने सम्बंधित पक्षों को सुने बगैर किसी तरह के दिशानिर्देश जारी करने से इनकार कर दिया था। 

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न्यायालय ने पटाखों के दुष्प्रभावों के बारे में व्यापक प्रचार-प्रसार करने के उसके 16 अक्टूबर के आदेश पर अमल नहीं करने को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ नाराजगी भी जताई।

न्यायालय ने सरकार की ओर से पेश हो रहे सॉलिसिटर जनरल रंजीत कुमार को निर्देश दिया कि वह केंद्र सरकार को 31 अक्टूबर से 12 नवम्बर तक नियमित रूप से पटाखों के दुष्प्रभावों के बारे में विज्ञापन प्रकाशित और प्रसारित करने की सूचना दें। 

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने मंगलवार को न्यायालय से कहा था कि वह दिवाली जैसे त्योहार में पटाखे छोड़ने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के पक्ष में नहीं है। सरकार का कहना था कि खुद शीर्ष अदालत ने अपने पुराने आदेश में सुबह छह बजे से 10 बजे रात तक पटाखे छोड़ने की अनुमति दे रखी है।

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