प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र के वाराणसी को स्वच्छता में 32वां स्थान दिया गया है। केंद्रीय शहरी विकास मंत्री एम . वेंकैया नायडू ने गुरुवार को यहां स्वच्छ सर्वेक्षण 2017 के परिणामों की घोषणा करते हुए बताया कि स्वच्छता के लिए देश के 434 शहरों में भारतीय गुणवत्ता परिषद से सर्वेक्षण कराया गया। शहरों के स्वच्छता के लिए उठाए गए कदमों की मौके पर ही तीसरे पक्ष से 17500 स्थानों पर जांच कराई गई।
यह सर्वेक्षण लगभग दो महीने जनवरी और फरवरी में चला और लोगों के जवाबों और जांच दल की रिपोर्ट के आधार पर शहरों का क्रम निर्धारित किया। उन्होंने बताया कि स्वच्छता सर्वेक्षण 2017 में गुजरात का सूरत चौथे स्थान पर, कर्नाटक का मैसुरू पांचवें स्थान पर और तमिलनाडु का तिरुचिरापल्ली छठें स्थान पर रहा है। इसके अलावा सर्वेक्षण में महाराष्ट्र के नवीं मुंबई को आठवां, आंध्रप्रदेश के तिरुपति को नौवां तथा गुजरात के वडोदरा को 10 वां स्थान प्राप्त हुआ है।
सफाई के मामले में टॉप पर रहने वाले 50 शहरों में गुजरात के 12 और मध्य प्रदेश के 11 शहर हैं। वहीं, इस लिस्ट में महाराष्ट्र के तीन और तमिलनाडु के चार शहर हैं। दिल्ली का एनडीएमसी इलाका भी टॉप 50 में है लेकिन दिल्ली के बाकी तीनों नगर निगम टॉप 50 तो क्या टॉप 100 में भी जगह नहीं बना सके।
सफाई के मामले में सबसे फिसड्डी शहर यूपी का गोंडा है। गोंडा को 434 वां, हरदोई को 431 वां, बहराईच को 429 वां , शहाजहांपुर को 426 वां और खुर्जा को 425 वां स्थान मिला है। इसके अलावा इसी क्रम में महाराष्ट्र के भुसावल का 433 वां, पंजाब का बाघा 432 वां, अबोहर का 427 वां और मुक्तसर का 428 वां, बिहार के कटिहार का 430 वां स्थान रहा है। बिहार की राजधानी पटना को स्वच्छता क्रम में 262 वां, चंडीगढ को 11 वां और तमिलनाडु को 235 वां स्थान मिला है।
बिहार की राजधानी पटना को स्वच्छता क्रम में 262वां, चंडीगढ को 11वां और तमिलनाडु को 235वां स्थान मिला है। सर्वेक्षण में अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह, अरुणाचल प्रदेश, चंडीगढ दादर तथा नगर हवेली, गोवा, लक्षद्वीप, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, त्रिपुरा और सिक्किम का एक -एक शहर, आंध्र प्रदेश के 32, असम के चार, बिहार के 27, छत्तीसगढ के आठ, दमन एवं दियू के दो, दिल्ली के 5, गुजरात के 31, हरियाणा के 18, हिमाचल प्रदेश के दो, जम्मू कश्मीर के चार, झारखंड के नौ, कर्नाटक के 27, केरल के नौ, मध्यप्रदेश के 35, महाराष्ट्र के 44, नगालैंड के दो, ओडिशा के नौ, पुड्डुचेरी के दो, पंजाब के 16, राजस्थान के 29, तमिलनाडु के 28, तेलंगाना के 12, उत्तराखंड के छह और उत्तर प्रदेश के 62 शहरों को शामिल किया गया है।