दरअसल, अब्दुलाती का वजन करीब आधा टन यानी 500 किलो है जो उसे विश्व की सबसे मोटी महिला के तौर पर पहचान दिलाती है। जानकारी के मुताबिक़ अब्दुलाति भारत में अपना इलाज कराना चाहती थीं, लेकिन किसी वजह से उन्हे इलाज के लिए भारत का वीजा देने से इनकार कर दिया गया था। लेकिन जैसे ही इसकी जानकारी विदेश मंत्री सुषमा स्वराज तक पहुंची तो उन्होने मेडिकल वीजा देने के लिए राजी हो गई।
दरअसल, बीते सोमवार को मुंबई के वैरिएट्रीक सर्जन मुफ्फी लकड़ावाला ने सुषमा स्वराज को ट्वीट कर कहा कि ‘मैम इजिप्ट की रहने वाली इमाम 500 किलो की है, इमाम ने मुझसे उसकी जान बचाने के लिए मदद मांगी है, लेकिन इससे पहले भी भारत का वीजा देने से इनकार कर दिया गया। आपसे रिक्वेस्ट है कि आप उसे भारत में इलाज के लिए मेडिकल वीजा दिलाने में मदद करें। ‘
गौरतलब है कि सुषमा स्वराज का किडनी फेल होने की वजह से दिल्ली के एम्स हॉस्पिटल में इलाज चल रहा था। जिस दिन स्वराज के पास डॉक्टर का ट्विट आया उन्होने बिना देरी किए फौरन उसका जवाब दिया और कहा कि इस बात को मुझ तक पहुंचाने के लिए थैंक्यू। हम जरूर मदद करेंगे।
एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, इमाम पिछले 25 सालों से अपने घर से बाहर नहीं निकली है। इमाम का वजन इतना अधिक है कि घर से बाहर निकलना तो दूर वह खुद की साफ सफाई भी नहीं कर पाती है।
इमाम की साफ-सफाई और खाना खिलाने के लिए उन्हे घर के किसी मेंबर की हेल्प चाहिए होती है। इमाम के घर वालों ने बताया कि जब इमाम पैदा हुई थी तब उसका वजन सामान्य वजन से बहुत अधिक यानी 5 किलो था। जब इमाम बड़ी हुई तो धीरे-धीरे रेंगना चालू किया, लेकिन 11 साल के पड़ाव में आकर इमाम पर उसका वजन हावी होने लगा वह उठने-बैठने में असमर्थ होने लगी थी। इतना ही नहीं इमाम सेरेब्रल स्ट्रोक होने की वजह से स्कूल छोड़ना पड़ा था। स्कूल छोड़ने के बाद से इमाम लगातार बिस्तर पर ही पड़ीं रही।
डॉक्टरों के मुताबिक, इमाम को एलिफेंटाइसिस था। यानी ऐसा परजीवी संक्रमण जिसकी वजह से पिंडलियों में काफी दर्द और सूजन आ जाती है। डॉक्टरों के मुताबिक, इमाम की ग्रंथियों में गड़बड़ी के चलते उसके शरीर में जरूरत से ज्यादा पानी जमा हो जाता है। इमाम की ऐसी हालत देखकर उसके परिवार वालों ने मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह को ऑनलाइन याचिका देकर अल सिसी से इलाज के लिए अपील की थी।