जयपुरPublished: Feb 08, 2019 07:16:30 pm
manish singh
भोपाल के रीजनल इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन (क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान) में लड़कियों ने विरोध प्रदर्शन किया, जहां उन्हें भविष्य का शिक्षक बनने की ट्रेनिंग दी जाती है। छात्रावास में रहने वाली लड़कियों के लिए लडक़ों की तुलना में सख्त नियम थे । महिला शिक्षा को लेकर पिछले तीन दशक में देश में बड़े पैमाने पर सुधार हुए लेकिन सामाजिक बदलाव की रफ्तार धीमी होने से पिछले दस वर्षों में महिलाओं के खिलाफ अपराधों की संख्या दोगुनी हो गई है।
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में एक सरकारी कॉलेज की 200 से अधिक छात्राओं ने कॉलेज के बास्केटबॉल कोर्ट में विरोध-प्रदर्शन कर सबको चौंका दिया। कॉलेज की लड़कियों का विरोध प्रदर्शन इसलिए था क्योंकि सूरज ढलने के बाद उन्हें हॉस्टल से बाहर निकलने की इजाजत नहीं थी। विरोध-प्रदर्शन में शामिल एक छात्रा ने बताया कि जब से कॉलेज शुरू हुआ है तब से चांद देखना सपना हो गया था। देश के अलग-अलग कॉलेजों में लड़कियों की सुरक्षा के नाम पर कुछ ऐसी ही बंदिशें हैं। एक कॉलेज में विरोध की आवाज उठने के बाद देश के दूसरे कॉलेजों की लड़कियों ने भी आवाज उठाई और लडक़ों के बराबर आजादी की मांग की जिसके बाद उसपर अमल हुआ।