पहले भी मिले थे मकान
स्थानीय मीडिया के अनुसार, ये दोनों मकान, गैलरीज नामक स्ट्रक्चर पर मौजूद है जहां पर गीजा की पैरामिलिट्री फोर्स रहती थी। बताया जा रहा है कि इन स्थानों पर एक हजार लोग रह सकते हैं। बता दें कि यहां पर इससे पहले भी कई चीजें मिल चुकी हैं। इससे पहले यहां पर 21 कमरे का मकान भी मिला था। पुरातत्वविदों के अनुसार, इसका इस्तेमाल पोर्ट में काम करने वाले कर्मचारी करते रहे होंगे।
सात अजूबों में शामिल है गीजा का पिरामिड
दरअसल गीजा का पिरामिड दुनिया भर के सात अजूबों में शामिल है। 2560 ईसा पूर्व बने इस विशालकाय पिरामिड में पत्थरों का इस्तेमाल किया था। पुरातत्वविद इस पिरामिड के रहस्य को जानने के लिए कई वर्षों से काम कर रहे हैं। इससे पहले यहां पर एक प्राचीन बंदरगाह खोजा गया था। बताया जाता है कि इसका निर्माण मेनकोरे के पिरामिड बनाने के समय हुआ होगा। बता दें कि मिस्र में पाए जाने वाले पिरामिड के कई रहस्य ऐसे हैं जो अभी तक अनसुलझे हैं। ऐसा माना जाता है कि यहां के पिरामिड और दुनिया के अन्य हिस्सों में पाए जाने वाले पिरामिड लगभग एक जैसे हैं। अमरीका, चीन, इंडोनेशिया और चीन में पाए जाने वाले पिरामिड एक जैसे हैं। जबकि उस समय संचार की ऐसी कोई व्यवस्था नहीं थी जिससे लोग एक-दूसरे को कुछ बता सकें।