मिस्र कोर्ट ने यूएन की आलोचनाओं को नाकारा, कहा- उचित प्रक्रिया के तहत दोषियों को मिली सजा
- 2015 में बम विस्फोट के दोषी पाए गए
- मशहूर अभियोजक हिशाम बराकत की हत्या कर दी गई
- नौ लोगों पर लगे थे आरोप

काहिरा। मिस्र की कोर्ट ने शनिवार को एक फैसले के तहत दी गई सजा पर यूएन की आलोचनाओं को खारिज कर दिया है। यह मामला 2015 का है जब इन आरोपियों को बम हमलों के आरोप में दोषी पाया गया था। यूएन का आरोप है कि पकड़े गए आरोपियों के साथ आमानवीय व्यवहार किया गया।
उचित प्रक्रिया की गारंटी दी
अमरीकी मानवाधिकार कार्यालय के प्रवक्ता रूपर्ट कोलविले ने शुक्रवार को मीडिया से कहा कि मिस्र के अधिकारियों को उचित प्रक्रिया की गारंटी देने और यातना के आरोपों की जांच करने के लिए आवश्यक सभी उपाय करने चाहिए। कॉलविले ने कहा कि न्यायाधीशों ने स्वीकारोक्ति निकालने के लिए यातना के आरोपों की अनदेखी की थी। रविवार को एक बयान मे विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस मामले में नौ को मौत की सजा सुनाना निष्पक्ष और पारदर्शी था। गौरतलब है कि इस मामले में नौ को 2015 के बम विस्फोट में दोषी पाया गया, इसमें देश के शीर्ष अभियोजक हिशाम बराकत की हत्या कर दी गई थी।
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