बांजुल . अफ्रीकी देश गाम्बिया के राष्ट्रपति याह्या जमेह के चुनाव में हार के बाद भी सत्ता में बने रहने की जिद से देश में राजनीतिक तनाव बढ़ गया है। याह्या की जिद को देखते हुए पड़ोसी देशों के नेता शांतिपूर्ण सत्ता हस्तांतरण के लिए उन्हें मनाने में जुट गए हैं। हालांकि, नहीं मानने और मासूम लोगों की जान जाने की स्थिति में उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के संकेत भी दिए हैं। 51 वर्षीय जमेह 1994 से गाम्बिया की सत्ता पर काबिज हैं। हाल ही में हुए चुनाव के दौरान उन्हें विपक्षी नेता एडामा बैरो से हार का मुंह देखना पड़ा था। उनका कार्यकाल 20 जनवरी के बाद समाप्त हो जाएगा ।
नहीं मानें तो होगी सैन्य कार्रवाई
पश्चिमी अफ्रीका के क्षेत्रीय संगठन इकोवास (ईसीओडब्ल्यूएएस) से जुड़े राष्ट्रों नेताओं ने गाम्बिया के राष्ट्रपति याह्या जमेह से मुलाकात कर उन्हें सत्ता छोडऩे के लिए मनाने की अंतिम कोशिशें की हैं। जमेह का कार्यकाल छह दिन बाद समाप्त हो रहा है। उनके सत्ता न छोडऩे की स्थिति में इस समूह ने सैन्य हस्तक्षेप करने की चेतावनी दी है।
लोगों का प्लायन शुरू
देश में राजनीतिक संकट गहराता देख हिंसा के डर से हजारों गाम्बियावासी पड़ोसी देशों सेनेगल और गिनी बिसाऊ में प्लायन कर गए हैं। अफ्रीकी यूनियन ने भी कार्यकाल समाप्त होने के बाद राष्ट्रपति जमेह के शासन को मान्यता नहीं देने की बात कही है। यूनियन ने चेतावनी देते हुए यह भी कहा है कि यदि निर्दोष लोगों की जानें गईं तो राष्ट्रपति जमेह के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। नाइजीरिया के राष्ट्रपति मुहम्मदु बुहारी और लाइबेरिया के राष्ट्रपति एलेन जॉनसन ने बांजुल में जमेह से मुलाकात की है। इसी बीच नाइजीरिया के नेता मुहम्मदु बुहारी भी समझौता कराने के लिए बांजुल पहुंचे हैं। नाइजीरिया के सांसदों ने बातचीत में मदद के लिए जमेह को राजनीतिक शरण देने का प्रस्ताव भी मंज़ूर किया है।
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