त्रिपोली। अंतर्राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त लीबिया के प्रधानमंत्री (प्रीमियर) अब्दुल्ला अल-थिन्नी बंदूकधारियों के जानलेवा हमले में सुरक्षित बच गए। थिन्नी पूर्वी शहर तोब्रुक में संसद के सत्र में भाग लेकर निकल रहे थे, तभी कई कारों में सवार बंदूकधारी हमलावरों ने उन पर अंधाधुंध गोलियां चलानी शुरू कर दी।
एक समाचार चैनल से बात करते हुए उन्होंने कहा कि अचानक भारी गोलीबारी से हम चौंक गए थे, लेकिन खुदा का शुक्र है, हम सुरक्षित हैं। हालांकि इस हमले में एक सुरक्षाकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गया है। थिन्नी की कैबिनेट ने जारी बयान में बताया कि ये हमलावर प्रायेजित थे और इन लोगों ने पहले भी संसद को अस्थिर करने की कोशिश की है।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि घटनास्थल के बाहर एक जलती कार भी देखी गई है। उल्लेखनीय है कि पूर्व तानाशाह मुअम्मर गद्दाफी के पतन के बाद से देश में दो समानांतर सरकारें चल रही हैं। चयनित हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव को त्रिपोली केंद्रित जनरल नेशनल कांग्रेस (जीएनसी) अमान्य बताती है।
राजधानी त्रिपोली पर जीएनसी के नियंत्रण के बाद संसद को बेनगाजी शहर में स्थानांतरित करने की योजना थी, लेकिन वहां जारी भारी संघर्ष के मद्देनजर संसद का सत्र मिस्त्र की सीमा से लगे शहर तोब्रुक के एक होटल में शुरू किया गया। दिसंबर में होटल के बाहर आत्मघाती कार हमले के बाद संसद को सेना के बेसकैंप में स्थानांतरित कर दिया गया था, जहां यह हमला हुआ। दोनों सरकारों के बीच जारी संघर्ष का फायदा उठाकर आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट देश की सुरक्षा व्यवस्था के लिए बड़ा खतरा बनकर उभरा है।
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