कुछ दिनो पूर्व इस मार्ग पर फोरलेन सड़क निर्माण कार्य किए जाने से जुड़ी हुई प्रक्रियाएं आरंभ की गई थी लेकिन उसे रोक दिया गया है। यदि इस क्षेत्र से यह सौगात छीन ली जाएगी तो यहां ओर अधिक बेरोजगारी तो बढ़ेगी साथ ही आए दिन होने वाले हादसों पर भी विराम नही लगेगा।
फोरलेन सड़क निर्माण होने की जब जानकारी लगी थी तो क्षेत्रवासियों में खुशी थी लेकिन जैसे ही यह जानकारी लगी कि यह सड़क नहीं बन रही है तो क्षेत्रवासियों में मायूसी छा चुकी है। इस अवसर पर जिलाध्यक्ष रमेश परमार, महामंत्री गोवर्धन पालीवाल, रतनसिंह परमार, गोवर्धन शुक्ला आदि उपस्थित थे।
जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक
आगर-मालवा. जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक मंगलवार दोपहर 12 बजे कलेक्टोरेट में कलेक्टर अजय गुप्ता की अध्यक्षता में आयोजित की जाएगी। बैठक में जिले में सड़क सुरक्षा गतिविधियों की निगरानी, सड़क दुर्घटनाओं के आंकाड़ों की निगरानी आदि विषयों पर विचार-विमर्श किया जाएगा।
टिल्लर डैम में प्रतिदिन कम हो रहा है जल स्तर
इस वर्ष बारिश कम होने के कारण टिल्लर डैम में करीब २८ प्रतिशत पानी ही संचित हो पाया था। ५२.१२ मिलियन क्यूविक मीटर की क्षमता वाले इस विशाल जलाशय में महज १६.०२ मिलियन क्यूविक मीटर ही पानी एकत्रित हो पाया था। ६.८५ मिलियन क्यूविक मीटर पानी को डेड स्टोरेज माना जाता है और ४५.२७ मिलियन क्यूविक मीटर सिंचाई क्षमता निर्धारित है लेकिन महज १६.०२ मिलियन क्यूविक मीटर पानी ही एकत्रित हुआ था। इस पानी को जल संसाधन विभाग द्वारा सिंचाई के लिए छोड़ दिया गया और डैम में डेड स्टोरेज का महज ६.८५ मिलियन क्यूविक मीटर पानी ही रह गया जिसमें से २ मिलियन क्यूविक मीटर पानी आगर नगर के पेयजल के लिए सुरक्षित है और प्रतिदिन २० लाख क्यूविक मीटर पानी आगर नगर के लिए सप्लाय होता है।
इसी तरह १ मिलियन क्यूविक मिटर पानी इंडियन ऑयल कार्पोरेशन की ग्राम गेलखेड़ा में स्थित फैक्ट्री एवं माकड़ोन नगर पारिषद के लिए सुरक्षित रख रखा है। सुरक्षित पानी का दोहन होने से दिन-प्रतिदिन डेड स्टोरेज में भी पानी कम होता जा रहा है और प्रतिदिन कम हो रहा पानी आगामी जल संकट की सुगबुगाहट देता दिखाईदे रहा है। निचले क्षेत्र में ट्यूबवेल एवं कुओ के माध्यम से होने वाले जल दोहन के कारण भी डैम में जल स्तर कम हो रहा है। हालात यही रहे तो गर्मी के दिनो में आगर नगर को जल संकट का सामना करना पड़ सकता है।
नगर में जलापूर्ति समुचित रखना हमारी प्राथमिकता में है। आगामी गर्मी के सीजन को देखते हुए शहर में ट्यूबवेल खनन कराए जा रहे हैं। १० ट्यूबवेल खनन कराए जा चुके हैं यदि गर्मी के दिनों मे जल संकट जैसी स्थिति निर्मित भी होती है तो भी शहर में जलापूर्ति प्रभावित नहीं होने दी जाएगी। ३ बड़े पानी के टैंकर खरीदे जा चुके हैं। साथ ही आवश्यकता पड़ी तो किराए के टैंकर बुलाकर भी घर-घर पानी पहुंचाया जाएगा। किसी भी स्थिति में शहर की जल वितरण व्यवस्था प्रभावित नहीं होगी।
शकुंतला जायसवाल, नपाध्यक्ष आगर