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अगार मालवा

परेशान उपभोक्ता: बैंक पीडि़त संघ का वाट्सएस ग्रुप बनाकर कर रहे बैंक का विरोध

नोटबंदी तो खत्म हो गई, किंतु बैंक के कार्य आज भी समय पर नहीं हो पा रहे हैं

अगार मालवाAug 08, 2018 / 12:56 am

Lalit Saxena

patrika

नोटबंदी तो खत्म हो गई, किंतु बैंक के कार्य आज भी समय पर नहीं हो पा रहे हैं

सुसनेर. जब से नोटबंदी हुई है तब से शहर में बैंक कार्यों में लोगों को समस्याएं आ रही हैं। आमजन का कहना है की नोटबंदी तो खत्म हो गई, किंतु बैंक के कार्य आज भी समय पर नहीं हो पा रहे हैं। एक तो बैंक में भीड़ काफी रहती है, दूसरा कर्मचारी ठीक बात नहीं करते।
कुछ दिनों पूर्व शुक्रवारिया बाजार स्थित भारतीय स्टेट बैंक असुविधाओं से परेशान होने वाले लोगों ने वाट्एसप पर बैंक पीडित संघ नाम का एक ग्रुप बनाया। अब उस पर बैंक का विरोध करना शुरू कर दिया है। रोज ग्रुप से जुड़े सभी लोग बैंक की कमजोरियां बता रहे हैं। कोई पीडि़त अपनी परेशानी दर्ज करवा रहा है।
मंलगवार को भी नोटबंदी जैसे हालत बैंक में दिखे। सुबह १०.३० बजे ही लेन-देन करने वालों की कतार सड़क पर ही लगी रही। उधर दोपहिया भी सड़क पर ही खड़े रहे। ऐसे में राहगीरों के लिए रास्ता तक नहीं बचा। बैंक कर्मचारियों के हितग्राहियों के साथ किए जाने वाले बर्ताव को लेकर पहले भी लोगों द्वारा शिकायतें की जा चुकी है। साथ ही समय पर कार्य नहीं होने के कारण कुछ लोगों ने वरिष्ठ कार्यालय तक भी समस्या दर्ज करवा रखी है। किंतु उसके बाद भी लोगों की परेशानी का हल नहीं हो पा रहा
एटीएम में आधे समय नहीं रहता है कैश
स्टेट बैंक के बाहर ही एटीएम सेंटर संचालित है। इस पर आधे से ज्यादा समय तो कैश ही नहीं रहता है। लोग यहां आकर कई बार निराश होकर चले जाते हैं। जब भी एटीएम मशीन में पैसे डाले जाते हैं। राशि निकालने के लिए लोगों की भीड़ लगी जाती है।
मुआवजा पहुंचा दूसरे के खाते में
अधिकारियों की लापरवाही का खामियाजा भुगत रहा किसान
नलखेड़ा. कुंडालिया डैम परियोजन में विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। ऐसा ही एक मामला आया है जिसमें अधिकारियों की लापरवाही का खमियाजा एक किसान को भुगतना पड़ रहा है।
गडिय़ा के होकमसिंह पिता रामसिंह का मकान व जमीन डैम में डूब गई। सिंह ने बताया शासन ने मुआवजे के रूप में 19 लाख रुपए मंजूर किए थे। सूची में नाम भी था परंतु उक्त राशि मेरे बैंक खाते में नहीं आई। जब अधिकारियों से संपर्क किया तो बताया कि जल्द ही राशि आ जाएगी। परन्तु समय बीतने के बाद भी राशि नहीं आई।
मैंने आगर जिला मुख्यालय पर भू अभिलेख शाखा के अधिकारी शेखर मालवीय से संपर्क किया तो उन्होंने बताया आपकी राशि खाते मे जमा कर दी है। मैंने कहा राशि जिस खाते में जमा हुई है वह खाता क्रमांक मेरा नही है।
जब नंबर जांचा तो वह दिलीप पाटीदार सेमलीखेड़ी वालो का निकला। मामले में शाखा लिपिक चंद्रशेखर मालवीय ने बताया कि मुआवजा राशि तकनीकी त्रुटि से अन्य खाते में चली गई थी। एडीएम को बता बैंक ऑफ इंडिया में आगामी कार्रवाई के लिए पत्र लिखा है।

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