रामदेव मंदिर में चल रही श्रीमद्भागवत कथा
यह बात मैना रोड पर बाबा रामदेव मंदिर में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के अंतिम दिन विश्व पर्यावरण दिवस पर जोर देते हुए कथा वाचक पंडित रामप्रसाद व्यास बालाजी धाम मैना वाले ने कही। उन्होंने भक्तों को पर्यावरण संरक्षण की सीख देते हुए अधिक से अधिक पेड़ लगाने का आग्रह किया। अंतिम दिन कथा का सार बताते हुएं कहा जीवन कई योनियों के बाद मिलता है। यह कैसे जीना चाहिए, यह भी समझाया। सुदामा चरित्र को विस्तार से सुनाया। कृष्ण और सुदामा की निश्छल मित्रता का वर्णन करते हुए बताया कैसे बिना याचना के कृष्णा ने गरीब सुदामा का उद्धार किया। मित्रता निभाते हुए सुदामा की स्थिति को सुधारा। कथा में अंतिम दिन एक से बढ़कर एक भजनों की प्रस्तुति भी दी गई। शाम को भागवतजी की महाआरती कर प्रसादी वितरित की गई। उसके बाद शोभायात्रा निकालकर कथा का विश्राम किया गया। यात्रा की शुरुआत कथा स्थल से की गई जो विभिन्न मार्गों से होकर गुजरी।
मंदिर में विराजे बाबा रामदेव, रात को सुनाई कथा
नगर के मैना रोड पर स्थित बाबा रामदेव मंदिर में चल रहे प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव में बुधवार को पूर्णाहुति के साथ बाबा मंदिर में विराजे। बाबा के साथ बहन डालीबाई, सुगनाबाई, हरजी भाटी व उनके भानेज की मूर्तियां भी स्थापित की गईं। मूर्ति स्थापना के बाद बाबा का अभिषेक पूजन किया गया। इसी के साथ प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव का भी समापन हो गया। रात्रि में कथावाचक इंद्रदेवजी नागर के मुखारबिंद से रूणीजा वाले बाबा रामदेव की कथा कही गई। कथा का लाभ सैकड़ों भक्तों ने लिया।
प्राण प्रतिष्ठा करवाई
यज्ञाचार्य पं. वेदप्रकाश भट्ट व उनके सहयोगी पंडितों ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ बाबा रामदेव की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा करवाई। गुरुवार को भंडारा पुष्पक तरवालिया परिवार करेगा। 30 मई से 5 जून तक मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव के तहत सुबह और शाम को हवन-यज्ञ, दिन में श्रीमद्भागवत कथा और रात्रि में नानीबाई के मायरा की कथा हो रही थी। बाबा रामदेव मंदिर में पुष्पक तरवालिया परिवार द्वारा आयोजित इस सात दिनी धार्मिक आयोजन में शामिल होकर भक्तों ने धर्मलाभ लिया।