पब्लिकेशन को भी भेजा लेटर : नगर के कुछ निजी स्कूलों ने पब्लिकेशन के नाम लेटर लिखकर भी स्कूल में चलने वाली किताबे उनके द्वारा बताई गई दुकानदार के अतिरिक्त किसी को नहीं देने की बात कही गई है। साथ कहा जाता है कि यह कोर्स किसी अन्य दुकानदार को देंगे तो हम हमारे स्कूल से आपका कोर्स बंद कर देंगे। यहीं कारण है कि पब्लिकेशन भी अन्य दुकानदारों को कार्स नहीं देता।
कोई भी स्कूल किसी भी दुकानदार को लिस्ट एवं माल बेचने संबंधि अनापत्ति प्रमाण पत्र देने से मना नहीं कर सकता। अगर कोई ऐसा करता है तो उसके विरुद्ध कार्रवाई होगी।
प्रकाश पंवार, बीआरसी बड़ौद
सरकारी स्कूलों में शिक्षकों को बच्चों का इंतजार
सुसनेर. नया शिक्षण सत्र शुरू हुए 10 से ज्यादा दिन हो गए हैं, लेकिन मावि, हाईस्कूल व हासे में अब तक विद्यार्थी नहीं पहुंच रहे हैं। ऐसे में शिक्षक उनके इंतजार में स्कूलों में बैठे रहते हैं। बिना विद्यार्थी कक्षाएं भी नहीं लग पा रही हैं। इस कारण पढ़ाई प्रभावित हो रही है।
सरकारी स्कूलों में 16 जून को प्रवेशोत्सव मना था। इसी के साथ ही नवीन शिक्षा सत्र भी शुरू हुआ था, लेकिन इसके बाद भी विद्यार्थियों में स्कूल आने के प्रति रुझान नहीं दिखा। नगर सहित अंचल के कई शासकीय स्कूलों में ऐसी स्थिति है जहां कक्षाएं ही शुरू नहीं हो पाई हैं। उधर शिक्षक भी यह कहकर पल्ला छाड़ रहे हैं कि अभी प्रवेश प्रक्रिया चल रही है, इसलिए बच्चे नहीं आ रहे हैं।
परीक्षा में होगी परेशानी
जो बच्चे सरकारी स्कूलों में प्रवेश ले चुके हैं और वे स्कूल नहीं पहुंचे रहे तो ऐसे में उनकी पढ़ाई प्रभावित हो रही है। असर त्रैमासिक परीक्षा पर पढ़ेगा। खासकर छोटी उम्र के बच्चे बाद में एक साथ कोर्स को कवर नहीं कर पाएंगे।
ये है स्कूलों की स्थिति
तहसील रोड स्थित शासकीय कन्या हासे में 350 विद्यार्थी हैं, लेकिन प्रवेशोत्सव के बाद भी कक्षाएं ठीक से नहीं लग रही हैं। कक्षाओं में छात्राएं नहीं दिख रही हैं। यही स्थिति मावि व अन्य स्कूलों की है। कुल मिलाकर स्कूलों में अधिकांश कक्षाएं सूनी हैं।प्रवेश प्रक्रिया
चल रही है
अभी शिक्षण सत्र के शुरुआती दिन है। प्रवेश प्रक्रिया भी चल रही है। साथ ही बारिश का मौसम होने के कारण भी बच्चे स्कूल में कम पहुंच रहे हैं। जुलाई में संख्या बढ़ेगी।
शांताराम गुप्ता, बीइओ सुसनेर