न्याय के देवता शनिदेव बुधवार को धनु राशि में वक्री हो गए। वे एक राशि में करीब ढाई साल तक रहते हैं। शनि धनु राशि में चार माह से अधिक समय तक वक्री रहेंगे और 17 सितंबर को मार्गी होंगे।
अगार मालवा•May 02, 2019 / 12:20 am•
Ashish Sikarwar
न्याय के देवता शनिदेव बुधवार को धनु राशि में वक्री हो गए। वे एक राशि में करीब ढाई साल तक रहते हैं। शनि धनु राशि में चार माह से अधिक समय तक वक्री रहेंगे और 17 सितंबर को मार्गी होंगे।
सुसनेर. न्याय के देवता शनिदेव बुधवार को धनु राशि में वक्री हो गए। वे एक राशि में करीब ढाई साल तक रहते हैं। शनि धनु राशि में चार माह से अधिक समय तक वक्री रहेंगे और 17 सितंबर को मार्गी होंगे। इससे शनि से प्रभावित राशियां जिन पर शनि की साढ़ेसाती व ढैया का प्रभाव चल रहा है। उनकी साढ़े साती और ढैया की अवधि पर चार माह से अधिक बढ़ जाएगी।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जैसे ही शनि राशि परिवर्तन करते हैं या चाल बदलते हैं उसका प्रभाव सभी राशियों पर पड़ता है। यह असर शुभ और अशुभ दोनों होता है। ज्योतिष के अनुसार 30 अप्रैल से शनि धनु राशि में वक्री चाल चलकर व्रकी मतलब उल्टी चाल में शामिल हो गए हैं। शनि इस अवस्था में 142 दिनों तक भ्रमण करेंगे। इसके अलावा मई महीने में ही 3 मई और 18 को बुध मेष राशि और वृषभ राशि में प्रवेश करेगा। 7 मई को मंगल मिथुन राशि में प्रवेश करेगा। इसके बाद 15 मई से सूर्य वृष राशि में रहेगा।
पं. व्यास के अनुसार शनि के व्रकी होने का सबसे अधिक प्रभाव अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा और यह गड़बड़ाएगी। महंगाई बढ़ेगी खासकर तेलों के दामों में वृद्धि होगी। शनि गुरु की राशि धनु में वक्री हुआ है। और गुरू स्वयं वक्री चल रहे हैं। ऐसी स्थिति में कई परेशानियां होंगी। जो शनि पीडि़त है वे शांति के लिए अधिक से अधिक मेहनत करें व पानी अधिक पीएं।
न्याय संगत का कार्य करने वालों को मिलेगी सफलता
पं. गोविंद शर्मा ने बताया शनि के व्रकी होने का प्रभाव प्राकृतिक, आर्थिक, धार्मिक, राजनीतिक व साहित्य क्षेत्रों में दिखाई देगा। शनि को न्याय का देवता माना जाता है, इसलिए न्याय संगत कार्य करने वालों को सफलता मिलेगी। शनि एक राशि में ढाई साल तक रहता है और एक साथ पांच राशियों को प्रभावित करता है। तीन राशियों पर साढ़े सात वर्ष व दो राशियों पर ढाई वर्ष तक प्रभाव रहता है।
वृश्चिक, धनु, मकर पर साढ़े साती का प्रभाव बढ़ेगा
ज्योतिषाचार्य पंडित बालाराम व्यास के अनुसार शनि 26 अंश पर वक्री हुए हैं। 17 सितंबर को मार्गी होंगे। धनु राशि में शनि की अवधि 30 प्रतिशत तक बढ़ जाएगी। शनि के वक्री होने से वृश्चिक, धनु और मकर राशि पर साढ़ेसाती का प्रभाव बढ़ेगा। वाहन, भय, मान-सम्मान में कमी होगी।
वृष व कन्या राशि में ढैया
वृष और कन्या राशि में शनि का ढैया होने के कारण स्वास्थ्य में खराबी, पारिवारिक मतभेद जैसी स्थिति का सामना करना पडेगा।
इन राशियों के लिए होगा फलदायी
शनि के वक्री होने से मेष, मिथुन, सिंह, कर्क व तुला राशि के लिए यह सामान्य फलदायी होगा। कुंभ और मीन राशि के लिए सम्मुख शनि परोपकारी होगी।
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