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अगार मालवा

आखिरी बिजली क्यों बन रही है किसानों की दुश्मन

अन्नदाता के खेतों के ऊपर झुलते बिजली के तारों को ऊंचा करने व मरम्मत के नाम पर बिजली कंपनी आए दिन कटौती करती है।

अगार मालवाApr 13, 2019 / 12:56 am

Ashish Sikarwar

patrika

अन्नदाता के खेतों के ऊपर झुलते बिजली के तारों को ऊंचा करने व मरम्मत के नाम पर बिजली कंपनी आए दिन कटौती करती है।

डोंगरगांव. अन्नदाता के खेतों के ऊपर झुलते बिजली के तारों को ऊंचा करने व मरम्मत के नाम पर बिजली कंपनी आए दिन कटौती करती है। बावजूद किसानों की मेहनत पर पानी फिरता नजर आ रहा है। अंचल में झुलते बिजली के तार तेज हवा से टकराते हैं और चिंगारी खेतों उगी किसानों की फसल स्वाह कर देती है।
हर वर्ष बिजली के तारों में स्पार्किंग से फसल जलने के दर्जनों मामले सामने आते हैं। बावजूद बिजली कंपनी जंगल व खेतों में झुलते तारों को ऊंचा व ठीक करने में गंभीरता नहीं दिखा रही है। ऐसे में खेतों में खड़ी फसलों में आग लगने की घटनाएं बढ़ रही हैं। क्षेत्र के खेतों में एक दर्जन से अधिक घटनाएं आग लगने से हो चुकी हैं। ऐसे में किसानों को लाखों का नुकसान हो चुका है।
नहीं ले रहे सुध
डोंगरगांव के नाथूलाल जाट, वल्लभ चौधरी, श्रीपतपुरा के राधेश्याम पाटीदार, गुराडिय़ा के मदनलाल दांगी, किशनपुरा के दिनेश दांगी, पिपल्याखेड़ा के रामचंद्र पुजारी, साल्याखेड़ी के रामदयाल पाटीदार ने बताया लाइनें काफी ऊंची हैं। इससे तार नीचे ही झूल रहे हैं। हल्की सी हवा चलते ही स्पार्किंग होती है और फसल में आग लग जाती है। इसी सीजन में भी 5 से 7 किसानों के गेहूं की फसल जल गई है।
शुक्रवार को भी तारों में शार्ट-सर्किट होने के कारण चेतन कुमार हेमराज अग्रवाल के खेत में कटी गेहूं की डेढ़ बीघा की फसल में आग लग गई। ग्रामीणों व फायर फाइटर से आधाी बीघा की फसल बचाई जा सकी, लेकिन 1 बीघा की फसल खाक हो गई।
मुआवजा दे कंपनी
भारतीय किसान संघ जिलाध्यक्ष सीताराम प्रजापत ने मांग की है कि जहां भी बिजली कंपनी के तार में स्पार्किंग से फसल जली है। उन किसानों को सरकार उचित मुआवजा दे।
किसान रखें ध्यान
कृषि जानकारों का कहना है किसान भी फसलों का ध्यान रखें। जहां भी खेतों में बिजली लाइन निकल रही है। उसके नीचे गेहूं, सरसों सहित अन्य फसलों का ढेर नहीं लगाएं। इससे आग लगने की आशंका कम हो जाती है। मशीन में निकालते समय बीड़ी नहीं पीएं। कई बार गलती से भी आग लग जाती है।
ये सही बात है हवा के चलने से बिजली तारों में शार्ट-सर्किट से फसलों को नुकसान होता है। किसान के खेत का पंचनामा बनाया जाएगा। रही बिजली के तारों की तो आने वाले अगले सीजन में किसानों को इस तरह की परेशानी नहीं आएगी।
हिमांशु आहाके, कनिष्ठ अभियंता बिजली कंपनी सोयतकलां।

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