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अगार मालवा

आखिर क्यों इस शहर के वकीलों ने खोल दिया प्रशासन के विरुद्ध मोर्चा

कुछ दिनों से तहसील कार्यालय खासा सुर्खियों में बना हुआ है। तहसील कार्यालय में छोटे-मोटे कामों के लिए किसानों को तो भटकते हुए देखा जा रहा था।

अगार मालवाJun 15, 2019 / 12:21 am

Ashish Sikarwar

patrika

कुछ दिनों से तहसील कार्यालय खासा सुर्खियों में बना हुआ है। तहसील कार्यालय में छोटे-मोटे कामों के लिए किसानों को तो भटकते हुए देखा जा रहा था।

आगर-मालवा. कुछ दिनों से तहसील कार्यालय खासा सुर्खियों में बना हुआ है। तहसील कार्यालय में छोटे-मोटे कामों के लिए किसानों को तो भटकते हुए देखा जा रहा था। अब स्थिति इतनी बिगड़ चुकी है कि अभिभाषक भी परेशान हो चुके हैं। इस संबंध में १४ जून के अंक में पत्रिका ने प्रमुखता से समाचार प्रकाशित किया। इस परेशानी से दो-दो हाथ कर रहे अभिभाषकों ने शुक्रवार को न्यायालय परिसर बार संघ के कक्ष में बैठक का आयोजन किया। इसमें सर्वसम्मति से अभिभाषकों ने तहसील कार्यालय से राजस्व प्रकरणों की प्रमाणित प्रतिलिपि नहीं मिलने के विषय पर नाराजगी जाहिर कर अपनी-अपनी समस्या को रखा। अभिभाषकों ने निर्णय लिया कि प्रभारी मंत्री वकलेक्टर को ज्ञापन सौंपा जाएगा।
तहसील कार्यालय स्थित नकल शाखा से रिकार्ड से जुड़े हुए विभिन्न राजस्व प्रकरणों की आवश्यकता किसानों तथा अभिभाषकों को निरंतर होती है। निर्धारित प्रारूप में आवेदन करने पर नकल शाखा से प्रमाणित प्रतिलिपि आवेदक को निर्धारित समयावधि में दी जाती थी। वर्षों से यही प्रक्रिया तहसील कार्यालय में संचालित हो रही थी लेकिन कुछ दिनों पूर्व तहसीलदार आगर द्वारा इस प्रक्रिया में बदलाव करते हुए तहसील कार्यालय नकल शाखा से किसी भी तरह की प्रमाणित प्रतिलिपि जारी करने पर रोक लगा दी। नकल लेने के लिए लोकसेवा केन्द्र को अधिकृत कर दिया। इसकी वजह से किसानों सहित अभिभाषकों की लोकसेवा केन्द्र पर लंबी कतार लगने लगी। साथ ही एक प्रतिलिपि के ४० रुपए प्रति पेज के हिसाब से जमा कराए जाने वाले शुल्क को लेकर भी किसानों तथा अभिभाषकों में रोष है। यही नाराजगी शुक्रवार को सतह पर दिखाई दी।
दोपहर २ बजे वरिष्ठ अभिभाषक सुरेन्द्र कुमार मारू की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में अभिभाषकों ने तहसीलदार के निर्णय का विरोध करते हुए कहा कि लोकसेवा केन्द्र से प्रदाय की जाने वाली नकल एविडेंस एक्ट के प्रावधानों के अनुरूप नहीं है। कई तरह की व्यवहारिक कठिनाइयां इस निर्णय से निर्मित हो रही है। बैठक में अभिभाषकों ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि राजस्व विभाग के समस्त प्रकरणों की प्रमाणित प्रतिलिपियां तहसील कार्यालय से पूर्ववत प्रदाय की जाए। इस संबंध में प्रभारी मंत्री तथा कलेक्टर के समक्ष १६ जून को ज्ञापन सौंपा जाएगा।
तहसील के नवीन भवन निर्माण को लेकर भी रोष : बैठक में अभिभाषक संघ ने उज्जैन रोड पर शहर से करीब ५ किमी दूर निर्मित हो रहे तहसील कार्यालय भवन के विषय पर भी अपनी नाराजगी जाहिर की। इसमें अभिभाषकों ने निर्णय लिया कि वर्तमान कलेक्टोरेट पुराने कॉलेज परिसर को तहसील कार्यालय के रूप में तब्दील किए जाने की मांग प्रभारी मंत्री के समक्ष रखी जाएगी। सामूहिक रूप से ज्ञापन सौंपा जाएगा। इस अवसर पर चंद्रहास परमार, पूर्व अभिभाषक संघ अध्यक्ष देवेन्द्र सिंह चौहान, सह सचिव रोहित माथुर, बृज शर्मा, शमीउल्ला कुरैशी, शरद गर्ग, बाबूलाल गवली, कोषाध्यक्ष शांतिलाल जैन, सत्यप्रकाश पाठक, अनवर खॉन, रामेश्वर यादव, लोकेश भटनागर, सचिन जैन, मुकेश मेवाड़ा, आशीष माहेश्वरी, प्रकाश शर्मा, धर्मेन्द्र परमार, संजय भटनागर, राजेश नागदिया, मनमोहन परमार, दीपक खमोरा, जगदीश माहेश्वरी, शेरसिंह परिहार सहित अभिभाषकगण उपस्थित थे।
तहसील कार्यालय से प्रमाणित प्रतिलिपि जारी नहीं होने के मसले में एसडीएम से चर्चा कर इस समस्या का उचित समाधान किया जाएगा। रहा सवाल नवीन तहसील कार्यालय भवन का तो उसका निर्माण चल रहा है। तहसील कार्यालय शिफ्ट नहीं होगा । उसे रिकार्ड रूम बनाया जाएगा। तहसील कार्यालय को वर्तमान कलेक्टोरेट में शिफ्ट किया जाएगा।
अभय वर्मा, कलेक्टर आगर

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