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अगार मालवा

किसानों पर फिर क्यों टूटा मुसीबतों का पहाड़

क्षेत्र में सोयाबीन सहित अन्य फसलें अब लगभग पक कर तैयार हो चुकी हैं। 50 प्रतिशत के करीब किसानों ने अपनी फसले कटवा भी ली है।

अगार मालवाSep 23, 2018 / 12:36 am

Lalit Saxena

patrika

क्षेत्र में सोयाबीन सहित अन्य फसलें अब लगभग पक कर तैयार हो चुकी हैं। 50 प्रतिशत के करीब किसानों ने अपनी फसले कटवा भी ली है।

आगर-मालवा. क्षेत्र में सोयाबीन सहित अन्य फसलें अब लगभग पक कर तैयार हो चुकी हैं। 50 प्रतिशत के करीब किसानों ने अपनी फसले कटवा भी ली है। किसानों को इस बार की फसलों से कुछ ज्यादा ही उम्मीदे हैं लेकिन पिछले दो दिनों से हो रही बारिश से उनकी उम्मीदों पर खतरे के बादल मंडराते हुए दिखाई दे रहे हैं। जहां फसले अभी कटी नहीं है, उन किसानों को फसलें खराब होने का डर हैं, वहीं जिन्होंने फसलें काट ली है उनको भी अपनी फसलें गीली होने के साथ-साथ जहरीलें जीवों का डर सता रहा है। यदि इसी प्रकार बारिश का दौर जारी रहा तो निश्चित ही फसलों को नुकसान होगा।
बारिश के मौसम के बाद जहां लंबे समय से मौसम खुला हुआ था, वहीं एक बार फिर काले बादल अपने साथ लाए पानी को बरसा रहे हैं। इस बारिश से गर्मी से परेशान लोगों को थोड़ी बहुत राहत तो मिल रही हैं लेकिन यह फसल को लेकर किसानो को चिंता में भी डाल रही है। पिछले कई वर्षों से प्राकृतिक आपदा की मार झेल रहे किसानो पर बारिश एक बार फिर मुसीबत बनकर सामने आ रही है। जैसे-तैसे कर्ज लेकर किसानों ने अच्छी फसल की आस में बोवनी की थी लेकिन इस वर्ष अल्प वर्षा होने के कारण फसलें बर्बाद हो गई थी।अच्छी फसल आने की उम्मीद के साथ काफी इंतजार किया और अब जब फसलों के कटने का सीजन चल रहा है। वहीं बारिश इस फसल पर कहर बनकर आ रही है। क्षेत्र में कई स्थानों पर किसानो ने सोयाबीन की फसल कटने के लिए तैयार है लेकिन बारिश इनके लिए खतरा साबित हो रही है। कुछ दिनों से शाम के समय हो रही बारिश ने कई किसानों के खेतों को रेलमपेल करते हुए उनकी फसलों को नुकसान पहुंचा दिया।
होती रही बारिश तो होगा ज्यादा नुकसान
जब किसानों से इस संबंध में चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि बारिश यदि इसी प्रकार से होती रही तो फसलों को ज्यादा नुकसान होगा। अभी फसलों को इस पानी से ज्यादा नुकसान नहीं होगा। जिन किसानों ने फसले काट ली हैं , उनको अपनी फसल को किसी तिरपाल या अन्य सामान से ढंककर रखना होगा नहीं तो पानी लगने पर बीज काले हो जाएंगे और इसका सीधा असर फसलों के भाव पर होगा।
जिले में 849.6 एमएम हुई वर्षा
जिले में 1 जून से अब तक 849.6 एमएम औसत वर्षा दर्ज की गई। आगर में 861 एमएम, बड़ौद में 859 एमएम, सुसनेर में 858 एमएम तथा नलखेड़ा में 820 मिमी वर्षा दर्ज की गई है। विगत वर्ष इस अवधि में जिले में 941.7 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गई थी। जानकारी अनुसार जिले में पिछले 24 घंटे में 56 .7 एमएम औसत वर्षा दर्ज की गई है। सर्वाधित वर्षा नलखेड़ा में 64 एमएम तथा सबसे कम सुसनेर में 50 एमएम दर्ज की गई है। इसके अतिरिक्त आगर में 56 मिमी तथा बड़ोद में 54 मिमी वर्षा हुई है।
जिले में लगभग सभी किसानों की खरीब फसल तैयार खड़ी है। ऐसी दशा में अब हो रही बारिश से फसल में नुकसान होना संभावित है। यह पानी रबि फसल के लिए कारगार साबित होगा।
आरपी कनेरिया, उपसंचालक कृषि
सारंगपुर. शुक्रवार शाम से हो रही बारिश ने एक बार फिर किसानों को चिंता में डाल दिया है। इस समय सोयाबीन कटाई के लिए तैयार है। कई जगह कटाई शुरू हो गई है।
शुक्रवार दिन में तो मौसम साफ था, लेकिन शाम होते-होते बारिश शुरू हो गई, जो रुक-रुककर रातभर चलती रही। मौसम में आए परिवर्तन के कारण किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें उभर आई हैं। सोयाबीन को जब पानी की जरूरत थी उस समय पानी गिरने की जगह तेज धूप से फसल समय से पहले ही पकने लगी थी। पानी नहीं मिलने से दाना भी छोटा रह गया। किसान रोड़सिंह मीणा, कुमेरसिंह राजपूत, राजेंद्र बैस ने बताया कटाई के समय बारिश होने से दानों में फफूंद के साथ दाना काला पड़ सकता है।

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