पत्रिका न्यूज नेटवर्कआगरा। जम्मू कश्मीर में पत्थरबाजी करने वाले 38 बंदियों को आगरा की सेंट्रल जेल में भेजने के बाद सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। इन सभी को अलग बैरक में रखा गया है। इनके जेल में आने की सूचना पहले ही जेल प्रशासन को मिल गई थी और इनके लिए पहले ही बैरक तैयार कर ली गई थी।
यह भी पढ़ें— पुलिस हिरासत में मौत की अब जांच करेगी कासगंज पुलिस, 180 दिन में पूरी करनी होगी विवेचना विशेष विमान से भेजे गए थे आगरासेंट्रल जेल आगरा में बंदियों को भेजे जाने की जानकारी शुक्रवार को ही आ गई थी। इसको लेकर पहले से ही सुरक्षा से लेकर आंतरिक इंतजाम कर दिए गए थे। शाम तकरीबन चार बजे बंदियों को लेकर विशेष विमान खेरिया एयरपोर्ट पहुंचा। बंदियों को जेल तक लाने के लिए वाहनों की व्यवस्था की गई थी। जेल के वरिष्ठ अधीक्षक वीके सिंह ने बताया कि कुल 38 बंदी आगरा लाए गए हैं। इनमें 27 कश्मीर से जबकि 11 जम्मू के हैं। इन बंदियों को आम सजायाफ्ता बंदियों से अलग दो बैरक में रखा गया है। उनका एंटीजन टेस्ट भी कराया जाएगा।
यह भी पढ़ें— मेलबर्न फिल्म फेस्टिवल में दिखेगी एसिड अटैक सर्वाइवर मां और बेटी के संघर्ष की कहानी 15 पहले आए थे बंदी17 अक्तूबर को भी 15 बंदी आगरा जेल में आ चुके हैं। वह भी अलग बैरक में रखे गए हैं। पूर्व में तीन कश्मीरी रह रहे थे, जिनमें से दो पाक अधिकृत कश्मीर के हैं। इस तरह से जेल में बंदियों की संख्या 56 हो गई है। एसपी सिटी विकास कुमार ने बताया कि जेल में बंदियों को दाखिल करने के दौरान कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। आगरा की जेल में जम्मू कश्मीर के बंदी ही नहीं, बल्कि प्रदेश की अन्य जेलों में बंद बदमाश और आरोपियों को भेजा जाता है। इसकी पीछे सुरक्षा एक प्रमुख कारण है। यह जेल वर्ष 1982 में बनी थी। अब जेल में 1700 से अधिक सजायाफ्ता बंदी निरद्ध हैं।
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