सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि वर्षा कम होने तथा पानी के महत्व के दृष्टिगत रखते हुए प्रदेश में 06 नदियों को चिन्हित किया गया है, जिन्हें पुनर्जीवित किया जाएगा। इससे जो वर्षा का पानी बह जाता था, वह नदियों में आ जाएगा तथा इससे बाढ़ पर भी नियंत्रण किया जा सकेगा। इसके तहत एक-दूसरी नदियों के पानी को स्थानान्तरित भी किया जा सकेगा। प्रदेश में जो बाढ़ विनाशकारी होती थी, वह बाढ़ उप्र की जनता के लिए लाभकारी होगी।
इन 06 नदियों में गोमती, तमसा, वरुणा, सई, अरैल तथा सोत नदियों को शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि नदियों की खुदाई से भूगर्भ जलस्तर ठीक होने के साथ ही सिंचाई कार्य व जानवरों के लिए पीने के पानी की भी व्यवस्था हो सकेगी। उन्होने कहा कि सिंचाई विभाग में भू-माफियाओं के विरुद्ध कार्रवाई की गयी है। किसी भी दशा में भू-माफियाओं को सरकारी भूमि पर कब्जा नहीं करने दिया जाएगा और भू-माफियाओं को कोई रियायत नहीं होगी।
सिंचाई मंत्री ने कहा कि प्रदेश में रजवाहा, कुलावा व अल्पिका समितियां बनायी जाएंगी तथा किसानों को पानी का व्यवस्थित उपयोग के लिए जागरुक किया जाएगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट निर्देश दिया कि अवर अभियंता नहरों का दौरा करते रहें। उन्होंने अधिकारियों से अपेक्षा की, कि वे शासन की मंशा के अनुरुप कार्य करें तथा काम समय से पूरा किया जाय। इसके साथ ही कार्यों में रत्ती भर भ्रष्टाचार न होने पाये। उन्होंने हिदायत देते हुए कहा कि जनप्रतिनिधियों को पूरा सम्मान मिले तथा उनके क्षेत्र में होने वाले कार्यों का शुभारम्भ उनसे कराया जाय।
बैठक में अधीक्षण अभियंता सिंचाई नरेश चन्द्र उपाध्याय, विधायक राम प्रताप चैहान, योगेन्द्र उपाध्याय तथा हेमलता दिवाकर , नगर अध्यक्ष विजय शिवहरे सहित नलकूल अधिकारी मनोज कुमार व अधीशासी अभियंता एलएसी सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारीगण उपस्थित रहे।