विनीता अरोरा ने कहा कि स्ट्रीट डॉग्स की दिक्कत हो या पुराने मोहल्लों में बंदरों की समस्या। यदि इन जानवरों को आवास और खाना-पीना मिलता रहे तो यह आक्रामक नहीं होंगे। इस बात को लोगों को समझना चाहिए। समस्या का निदान इन जानवरों को क्षेत्र से हटा देना नहीं है। उन्होंने कहा कि गली मोहल्लों के डॉगी को भी कुछ खाना डाल दें और रेबीज का इंजेक्शन लगवाएं तो वह आक्रामक नहीं होंगे, बल्कि मित्र बनकर आपकी देखभाल करेंगे। उन्होंने कहा कि गली मोहल्लों में कैस्पर्स होम द्वारा चलाए जा रहे अभियान से अब लोगों को यह बात समझ में आने लगी है। इस दौरान उन्होंने शहर में जगह-जगह चल रहे क्रॉस ब्रीडिंग के गोरखधंधे को बंद करने की भी मांग की गई। इस अवसर पर देसी श्वानों का अडोप्शन कैम्प लगाकर केक भी काटा गया।
कैस्पर्स होम द्वारा 2019 में 920 जानवरों को रेस्क्यू किया गया। इसमें 742 स्ट्रीट डॉग्स को रेबीज लगाई गई। 47 गाय, 37 गधे, 26 बंदर, 12 सांड, 5 घोड़े, 2 चील, 1 ऊंट, 1 नील गाय, 2 एग्जोटिक बर्ड, 1 रेटिल स्नेक, 10 लंगूर को शहर के विभिन्न क्षेत्रों से गम्भीर हालत में रेस्क्यू किया गया।
नगर निगम द्वारा कैस्पर्स होम को शेल्टर होम के लिए 900 गज की जगह (नरायच गऊशाला के पास) उपलब्ध कराने के लिए सदस्यों ने एक दूसरे को शुभकामनाएं दीं। शैल्टर होम अगस्त तक पूरा हो जाएगा, जहां एनिमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इंडिया की गाइड लाइन के अनुसार काम होगा। इस अवसर पर मुख्य रूप से सुनील अरोरा, अभिमन्यु, रेनुका डंग, मोना मखीजा, ध्रुव तिवारी, किरन सेतिया, सम्यक जैन, ममता गोयल, अंकित शर्मा, तन्मय शुक्ला, एक पहल संस्था से मनीष राय, शुभांगी, अंकित खंडेलवाल आदि उपस्थित थे।