आगरा के कुम्हारपाड़ा छीपी टोला की रहने वाली 20 वर्षीय शिल्पा ने खेल के मैदान पर पांच सालों में ही अपनी पहचान बना ली थी। यूपी स्टेट वूमैन चैम्पीयनशिप में वह विजेता बनीं। कानपुर में दो फाइट, फरुर्खाबाद, मेरठ व आगरा स्टेडियम में हुई एक-एक फाइट की विजेता बॉक्सर रही।
दसवीं पास शिल्पा अपनी मेहनत के बल पर एक बेहतर खिलाड़ी बनकर उभरी थी। जिला, स्टेट और फिर राष्ट्रीय स्तर पर खेल रही बॉक्सर शिल्पा विदेश जाने की तैयारी में थी।उसका पासपोर्ट भी बन चुका था। अलीगढ में उसे उसकी मंजिल तक पहुंचाने वाला ट्रेनिंग सेन्टर बताया गया। जहां उसने एडमिशन ले लिया था, रक्षाबंधन के बाद वह 25 अगस्त को अलीगढ पहुंची, लेकिन अगले ही दिन उसके अस्पताल में भर्ती होने की सूचना परिजनों को मिली थी। जिसके तीन दिन बाद ही उपचार के दौरान बॉक्सर बिटिया ने दम तोड़ दिया।
बॉक्सर शिल्पा के परिजनों का आरोप है कि वह अनुसूचित जाति से हैं। इसी वजह से उनकी होनहार बेटी की हत्या की गई है। बुधवार को एडीजी आगरा को दिए गये ज्ञापन में शिल्पा को किसी खाध पदार्थ में जहर देकर षणयंत्र के तहत हत्या की शिकायत की है। हत्या का आरोप शिल्पा के साथियों पर लगाया गया है। शिल्पा के परिवार ने मुकदमा दर्ज कर आरोपियों को फांसी की सजा दिये जाने की मांग की है।
शिल्पा को कोई क्यों मारना चाहेगा, युवा बॉक्सर खिलाड़ी की किसी से क्या दुश्मनी हो सकती है। घटना के पहले ही दिन शिल्पा के परिवार ने पुलिस से शिकायत क्यों नहीं की। आगरा पुलिस के सामने कई ऐसे सवाल हैं, जो शिल्पा की मौत की मिस्ट्री से जुड़े हैं। इस मामले में पुलिस महिला खिलाड़ी के परिजनों से भी पूछताछ कर सकती है। सवाल यह भी है कि कहीं की बात को लेकर शिल्पा खुद अवसाद में तो नहीं थी।
शिल्पा के परिजनों के ज्ञापन पर एडीजी आगरा ने संज्ञान लेते हुए जांच कर दोषी पाये जाने पर कड़ी कार्रवाई का भरोसा दिया है। आगरा की बॉक्सर की मौत का रहस्य पुलिस जांच के बाद सामने आयेगा।