यूनिवर्सिटी आगरा के जनसंपर्क अधिकारी प्रो. प्रदीप श्रीधर ने बताया कि वर्ष 2015 से 2019 तक की करीब सात लाख डिग्रियां बनी हुई रखी हैं। छात्र-छात्राएं डिग्री लेने के लिए नहीं पहुंच रहे हैं। उनके रखरखाव को लेकर काफी परेशानियां होती हैं। ऐसे में एक माह का विशेष अभियान चलाकर डिग्रियों को छात्र—छात्राओं के घर तक पहुंचाने का काम किया जाएगा। एक माह बाद भी परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले छात्र-छात्राएं डिग्री की मांग नहीं करते हैं तो उनके लिए रखरखाव शुल्क लगाया जाएगा। उन्होंने बताया कि छात्र-छात्राओं को डिग्री के लिए विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। संबंधित छात्र के पते पर डिग्री भेज दी जाएगी।