उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री ने एमएसएमई उद्योगों को तीन लाख रुपये का ऋण बिना किसी गारंटी के देने की घोषणा की है। साथ ही 100 श्रमिकों को लेकर काम करने वाली इकाइयों के स्टाफ का शत प्रतिशत पीएफ सरकार जमा करेगी। इसके जरिए मध्यम को लघु और लघु को सूक्ष्म इकाई का दर्जा दिया गया है, जिसका भविष्य में बहुत बड़ा लाभ होगा। यही समय है कि हम इसमें खुद को आत्मनिर्भर बनाने के लिए अवसर ढूंढें। मंत्री ने कहा कि जनपद ही नहीं, प्रत्येक गांव किसी न किसी उत्पाद में विशेषज्ञता रखता है। इस पैकेज के जरिए गांव के बाजार को विश्व के धरातल पर ले जाने की शुरुआत होगी। बेरोजगार आत्मनिर्भर बनकर अन्य लोगों को रोजगार देना शुरू करेंगे। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग देश की आर्थिक ढांचे की रीढ़ की हड्डी है।
मंत्री ने कहा कि एमएसएमई मंत्री होने के नाते मेरी कोशिश है कि आगरा को उद्योग जगत में जाना जाए। प्रदेश के गांव आत्मनिर्भर बन सकें, प्रत्येक नौजवान के हाथ में काम हो। ताज ट्रेपिजयम जोन (टीटीजेड) में होने के कारण आगरा ने बहुत कुछ खोया है। प्रयास है कि आगरा-ग्वालियर रोड पर डिफेंस कॉरीडोर आधारित एक उद्योग कॉरीडोर बने। यह सपना जरूर साकार होगा। उत्तर प्रदेश के आगरा में हस्तशिल्प और पेठा, फतेहपुर सीकरी का दरी-गलीची, एटा में घुंघरू व घंटी, फिरोजाबाद मे कांच, वाराणसी का जरी जरदोजी की पहचान विश्वस्तर पर हो। इसके लिए मेरा मंत्रालय गंभीरता के साथ काम कर रहा है।