यूपी में विजिलेंस टीम की लगातार छापेमारी से विभागों में खौफ पैदा हो गया है। इससे बचने के लिए अधिकारी नए नए पैंतरे अपना रहे हैं। आगरा में एंटी करप्शन टीम के हाथ लगे एसजीएसटी के स्टेनो ने इसकी पोल खोलकर रख दी। यहां कुछ दिन पहले विजिलेंस टीम ने नगर निगम की एक राजस्व निरीक्षक को एक लाख रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा था। इसके बाद बीते शुक्रवार की दोपहर तकरीबन 12 बजे एसजीएसटी के एक सहायक कमिश्नर के आवास विकास स्थित आवास पर एंटी करप्शन टीम ने छापेमारी कर दी। हालांकि मौके पर असिस्टेंट कमिश्नर नहीं मिले। इसके बाद टीम जयपुर हाउस स्थित एसजीएसटी कार्यालय पहुंच गई। यहां टीम ने एसजीएसटी के सहायक कमिश्नर के कार्यालय में मौजूद एक कर्मचारी को पांच हजार रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ लिया।
दरअसल, शमसाबाद रोड पर कहरई के पास रहने वाले अमरचंद का जीएसटी नंबर कैंसिल हो गया था। उन्होंने अधिवक्ता के माध्यम से रिवोकेशन फाइल किया। राज्य कर विभाग के कार्यालय में कई चक्कर लगाने के बाद भी उनका काम नहीं हुआ। यह कार्य राज्य कर विभाग के असिस्टेंट कमिश्नर प्रवेश कुमार द्वारा होना था। इसलिए वे लगातार वहां संपर्क कर रहे थे। असिस्टेंट कमिश्नर के ऑफिस में सिकंदरा क्षेत्र में रहने वाला निजी कर्मचारी मनीष कुमार कार्यरत था। वह मूलरूप से बिहार के जमुई में बहादुरपुर गांव का रहने वाला है। एंटी करप्शन टीम ने मनीष कुमार को रंगे हाथ पांच हजार रुपए रिश्वत के रूप में लेते समय शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया। जिससे एसजीएसटी विभाग में हड़कंप मच गया।
असिस्टेंट कमिश्नर प्रवेश कुमार के निजी कर्मचारी मनीष के मोबाइल में ऑनलाइन ट्रांजेक्शन का रिकॉर्ड एंटी करप्शन टीम को मिला है। मनीष का मोबाइल जब्त कर लिया गया है। उसकी जांच में वसूली का पुराना खेल खुल सकता है।
पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह तीन साल से असिस्टेंट कमिश्नर के कार्यालय में काम कर रहा था। असिस्टेंट कमिश्नर के कहने पर वह निजी व सरकारी कार्य करता था उनके लिए रिश्वत भी लेता था। वसूली की जाने वाली रिश्वत को वह असिस्टेंट कमिश्नर प्रवेश कुमार को देता था। उसमें से पांच सौ या एक हजार रुपये उसे मिलता था। एंटी करप्शन टीम के इंस्पेक्टर संजय यादव ने बताया कि मनीष नकद में रिश्वत लेकर असिस्टेंट कमिश्नर की पत्नी व अन्य रिश्तेदारों के खाते में ऑनलाइन भेज देता था। इसके साथ ही कई बिल भी जमा करता था। मुकदमे में असिस्टेंट कमिश्नर को भी आरोपी बनाया गया है। असिस्टेंट कमिश्नर प्रवेश कुमार का पक्ष जानने के लिए से संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन उनका मोबाइल स्विच ऑफ मिला।
ट्रैप करने के लिए एंटी करप्शन टीम शुक्रवार को कारोबारी को लेकर जयपुर हाउस स्थित राज्य कर विभाग पहुंची। वहां असिस्टेंट कमिश्नर ने उससे कहा कि मनीष को रुपए दे दो, तुम्हारा काम कर दूंगा. काम कराने के एवज में पांच हजार रुपए मनीष को देने के लिए कहा. एंटी करप्शन द्वारा दर्ज कराए गए मुकदमे में इसका जिक्र है. इससे पहले भी प्रवेश कुमार ने मनीष से ही मिलने को कहा था।