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आगरा

भाजपा सरकार के लिए शर्म की बात, आजादी के दौरान 1942 में अटलजी ने फहराया था यहां तिरंगा, आज हैं ये हालात

बटेश्वर स्थित कोठी का जीर्णोद्वार कराने में नाकाम रही सरकार, फिर से हालत हुई खस्ता

आगराDec 25, 2018 / 10:46 am

अभिषेक सक्सेना

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भाजपा सरकार के लिए शर्म की बात, आजादी के दौरान 1942 में अटलजी ने फहराया था यहां तिरंगा, आज हैं ये हालात

आगरा। भारत रत्न और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की मौत के बाद योगी सरकार ने बड़ी घोषणा की थी। भारत रत्न के पैतृक स्थल को स्मृति स्थल को संजोए जाने की घोषणा महज घोषणा बनकर रह गई। पूर्व प्रधानमंत्री की मृत्यु के बाद आज भी उनका पैतृक स्थल सरकार की योजनाओं की बाट जोह रहा है। अटलजी की अस्थियों के विसर्जन के बाद जब सरकार यहां आई थी, तब प्रशासन ने मेहनत मशक्कत कर यहां से पेड़ पौधों की साफ सफाई कराई थी। लेकिन, सरकार के जाते ही प्रशासनिक अधिकारियों ने भी वहां से अपना पल्ला झाड़ लिया।
जंगलात कोठी की ये कहानी
बाह क्षेत्र के तीर्थ बटेश्वर में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने अपने बाल्यकाल के कई साल यहां व्यतीत किए थे। 1942 में आजादी के आंदोलन के दौरान जब अंग्रेजों को भारत छोड़ने के लिए आंदोलन चलाया जा रहा था, उस दौरान भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी ने आजादी की अलख के दौरान बटेश्वर की कोठी में रात गुजारी थी और यहां तिरंगा फहराया था। तभी से ये कोठी प्रसिद्ध हो गई। अटलजी की मृत्यु के बाद इस कोठी के हालत सुधरने की उम्मीदें जागी थी, जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा घोषणा की गई थी कि अटल बिहारी वाजपेयी के स्मृति स्थलों को संजोया जाएगा। इसके बाद जंगलात कोठी के दिन बहुरेंगे। ऐसा माना जाना एक भ्रम बनकर रह गया।
ग्रामीणों ने लगाए आरोप
बाह बटेश्वर क्षेत्र में लोगों को उम्मीद थी कि सरकार इस क्षेत्र का चहुमुखी विकास करेगी। लेकिन, सारी उम्मीदें धूमिल होकर रह गई। ग्रामीण विकास कुमार का कहना है कि भाजपा की सरकार में भी भारत रत्न के पैतृक स्थल को वो स्थान नहीं मिला जिसके वो हकदार हैं। प्रशासन ने भी यहां जीर्णोद्वार और विकास कराने में रुचि नहीं दिखाई। वहीं अटलजी के रिश्तेदारों में भी प्रशासन द्वारा जीर्णोद्वार नहीं कराए जाने से आक्रोश व्याप्त है।

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