सोशल मीडिया पर ये मैसेज जमकर वायरल हो रहा है, जिसमें लिखा गया है कि अपने परिवार को ध्यान में रखते हुए नौकरी करो, आप ही सब कुछ हैं उनके लिए…. आज की इस घटना को देखने के बाद अब यही सोच रखो कि 12 घन्टे वर्दी पहन कर सिर्फ टाइम पास करना है, कोई कुछ भी कर रहा है, बस अपनी आंखें बंद कर लो और चुप चाप निकल लो। बाद में बहुत कुछ होगा लाइन हाजिर/ सस्पेंशन, पर रहोगे तो अपने बीबी बच्चों के साथ, फिर सब ठीक हो जाएगा। आप विभाग के तो हैं पर विभाग आपका नही हैं, कोई साथ नहीं देगा। हमेशा ध्यान रखें कि कोई आपका घर पर बेसब्री से इंतजार कर रहा है…जय हिंद।
एक सिपाही का पोस्ट भी हो रहा वायरल
वहीं फेसबुक पर एक सिपाही का पोस्ट भी जमकर वायरल हो रहा है। इस पोस्ट में इस सिपाही ने लिखा है कि सिपाही की भी सुन लो… सीधी सी बात है जो घटना हुई, उसमें तीन परिवार तबाह हुये। विवेक तिवारी बहुत पढ़े लिखे और नामचीन कंपनी के अधिकारी थे, वहीं ग्रामीण पृष्ठभूमि से गरीब, कम पढ़ा लिखा सिपाही, उसके क्या संपर्क होंगे, जितने विवेक तिवारी के। अब हर प्वाइंट पर आईपीएस तो ड्यूटी करेंगे नहीं। गश्त के सिपाही को निर्देश होते हैं, भ्रमणशील रहकर संदिग्ध व्यक्ति वाहनों को रोकने टोकने के लिए। उसके लगा कि आधाी रात के बाद कोई गाड़ी रोड पर खड़ी है, बिना वजह के… सो उसने टोका। आप देश की सर्वोच्च शिक्षा प्राप्त सभ्य नागरिक थे, तो आप गाड़ी से उतरकर सभ्य नागरिक की तरह परिचय देते, बेवजह रुकने का कारण बताते, अपने घ्ज्ञर चले जाते, वो आपसे पैसा मांगता, तो शिकायत करते… उ सकी वर्दी उतरवाना आपके लिए कौन सी बड़ी बात थी, लेकिन आप ठहरे नहीं… क्योंकि सिपाही जैसा छोटा आदमी कैसे लग्जरी गाड़ी को सवार को टोंक रहा है। आप अपना भोकाल दिखाने और सिपाही को डराने के लिए उसकी ओर गाड़ी दौड़ाते हैं, तो बेचारा सिपाही डरकर गोली चला देता है, भागकर थाने पहुंचता है, सूचना देने लेकिन उसकी कोई नहीं सुनता है…, खैर मुकदमा लिखना था, लिख गया। सभ्य नागरिक को मुआवजा मिला, पत्नी को राजपत्रित अधिकारी की नौकरी मिल जायेगी और बेचारा सिपाही का क्या…उसके बच्चों का क्या होगा….