उमरिया Umaria में घातक बीमारी लेप्टोस्पाइरासिस से कई लोग संक्रमित हो गए हैं। लेप्टोस्पाइरासिस से दो लोगों की मौत हो गई है। तीस अन्य मरीजों का इलाज किया जा रहा है जबकि 10 संक्रमितों को जबलपुर में भर्ती कराया गया है।
उमरिया के तीन मरीज जबलपुर की लैब में लेप्टोस्पाइरासिस पॉजिटिव पाए गए। इसके बाद रैपिड रिस्पांस टीम ने पीड़ित मरीजों और उनके आसपास के घरों में रहने वाले लोगों की पड़ताल की। अब तक 135 लोगों के सेंपल लिए गए हैं जिनमें 33 पॉजीटिव मरीज हैं।
नोडल अधिकारी अनिल सिंह के अनुसार इस घातक रोग से अभी तक दो मौते हुईं। बीमारी का बेक्टीरिया संक्रमित जानवरों से फैल रहा है। चूहा और अन्य घरेलू जानवरों के मूत्र के माध्यम से वायरस पानी या मिट्टी में मिल जाते हैं और लोगों को संक्रमित करते हैं। अनिल सिंह ने यह भी बताया कि रेपिड रेस्पांस टीम मरीजों की लगातार निगरानी रख रही है।
क्या है लेप्टोस्पायरोसिस What Is Leptospirosis
लेप्टोस्पायरोसिस जानवरों के मल-मूत्र से फैलता है। प्रदूषित पानी या मिट्टी से बैक्टीरिया नाक, मुंह और आंखों में आ जाता है। चोट लगने पर भी लेप्टोस्पायरोसिस हो जाता है।
बंदर भी बढ़ा रहे खतरा
उमरिया जिले में बंदरों के कारण भी यह खतरनाक रोग फैलता रहा है। यहां बहुत बंदर हैं जोकि प्राय: घरों की छतों पर आते रहते हैं। छतों पर बनी टंकियों से बंदर पानी पीते हैं और उसमें कई बार मल मूत्र भी त्याग देते हैं। इसी प्रदूषित पानी से लोेग मुंह धोते हैं या इसे पी भी लेते हैं जिससे रोग का खतरा बढ़ जाता है।
बीमारी के प्रमुख लक्षणसिरदर्द, तेज़ बुखार, ठंड लगना, उल्टी आना, दस्त लगना, मांसपेशियों में दर्द, पीलिया होना, पेट दर्द, आँखें लाल होना
लेप्टोस्पाइरासिस बीमारी से बचने के लिए ये उपाय करें - चूहों को घर में न घूमने दें।
- चूहों को चूहेदानी से पकड़ बाहर छोड़ आएं।
- घर में खाद्य सामग्री को ढंककर रखें।
- बुखार आने पर खून की जांच कराएं।