किया गया स्वागत
इस अवसर पर बुके और फूलमालाओं के स्थान पर स्वागत पौधों के माध्यम से किया गया, जिन्हें बाद में उसी स्थल पर महापौर नवीन, सांसद रामशंकर कठेरिया व अन्य के द्वारा रोपित किया गया। गुड माॅर्निंग आगरा की ओर से संरक्षक केसी जैन द्वारा शहर में हरियाली बढ़ाये जाने के निम्न सुझाव रखे गये, जिस पर सभी ने स्वीकृति प्रदान की।
इस अवसर पर बुके और फूलमालाओं के स्थान पर स्वागत पौधों के माध्यम से किया गया, जिन्हें बाद में उसी स्थल पर महापौर नवीन, सांसद रामशंकर कठेरिया व अन्य के द्वारा रोपित किया गया। गुड माॅर्निंग आगरा की ओर से संरक्षक केसी जैन द्वारा शहर में हरियाली बढ़ाये जाने के निम्न सुझाव रखे गये, जिस पर सभी ने स्वीकृति प्रदान की।
1.शहर में ‘वृक्ष मित्र’ बनाये जायें, जिनके माध्यम से हरियाली का प्रचार-प्रसार हो सके।
2.विद्यालयों के ‘ईको-क्लब’ को भी जोड़ा जाये, जिनके माध्यम से विद्यार्थियों के मध्य हरियाली के प्रति जागरुकता उत्पन्न हो सके।
3.पार्कों में ओपन-जिम व चिल्ड्रन-पार्क बनाये जायें, जिनके माध्यम से जनसाधारण को हरियाली से जोड़ा जा सके।
4.‘ट्री-गार्ड’ बनवाने, उसे व पौधे को लगवाने का कार्य किसी एजेन्सी के माध्यम से कराया जाये और प्रति ‘ट्री-गार्ड’/पौधे की कीमत निर्धारित हो। भवन स्वामी को ‘मोटिवेट’ कर ट्रीगार्ड व पौधा लगवाया जाये, जिसकी कीमत भवन स्वामी द्वारा वहन हो।
5. पौधों के लिए नर्सरी बनाई जाये जहाँ से न्यूनतम मूल्य पर पौधे उपलब्ध हो सकें।
6. वृक्षों पर नाम-पट्टिका लगाई जायें ताकि हम वृक्षों को जान सकें और उनके प्रति संरक्षण व लगाव का भाव उत्पन्न हो सके।
7.आगरा शहर के लिए ‘नेटिव प्लान्ट्स’ की सूची बनाई जाये, जैसी कि दिल्ली में पर्यावरणविद् प्रदीप कृष्ण के द्वारा बनाई गई है।
8.मृत्य पुष्पों से बुके या फूलमालाओं के स्थान पर जीवन्त पौधे/सेप्लिंग्स भेंट में दी जायें।
9.नगर निगम की वेबसाइट पर पौधारोपण व पौधो के विषय में अधिकतम जानकारी उपलब्ध कराई जाये।
10.शवदाह-गृह के निकट स्मृति वन विकसित किये जायें, जहाँ लोग अपने दिवंगतों की स्मृति में पौधारोपण कर उसे संरक्षित करें।
11.होर्डिंग्स के माध्यम से भी वृक्षों की महत्ता के प्रति जनजागृति उत्पन्न की जाये।
12.समय-समय पर पौधारोपण को लेकर कार्यशालायें भी आयोजित की जायें।
13.आगरा में ‘बाॅटेनिकल गार्डन’ बनाया जाये, जो हरियाली के प्रति ज्ञानवर्द्धन होगा।
14.एक थिंक-टैन्क बनाया जाये, जो समय-समय पर विचार कर सुझाव व कार्ययोजनायें दे सके।
2.विद्यालयों के ‘ईको-क्लब’ को भी जोड़ा जाये, जिनके माध्यम से विद्यार्थियों के मध्य हरियाली के प्रति जागरुकता उत्पन्न हो सके।
3.पार्कों में ओपन-जिम व चिल्ड्रन-पार्क बनाये जायें, जिनके माध्यम से जनसाधारण को हरियाली से जोड़ा जा सके।
4.‘ट्री-गार्ड’ बनवाने, उसे व पौधे को लगवाने का कार्य किसी एजेन्सी के माध्यम से कराया जाये और प्रति ‘ट्री-गार्ड’/पौधे की कीमत निर्धारित हो। भवन स्वामी को ‘मोटिवेट’ कर ट्रीगार्ड व पौधा लगवाया जाये, जिसकी कीमत भवन स्वामी द्वारा वहन हो।
5. पौधों के लिए नर्सरी बनाई जाये जहाँ से न्यूनतम मूल्य पर पौधे उपलब्ध हो सकें।
6. वृक्षों पर नाम-पट्टिका लगाई जायें ताकि हम वृक्षों को जान सकें और उनके प्रति संरक्षण व लगाव का भाव उत्पन्न हो सके।
7.आगरा शहर के लिए ‘नेटिव प्लान्ट्स’ की सूची बनाई जाये, जैसी कि दिल्ली में पर्यावरणविद् प्रदीप कृष्ण के द्वारा बनाई गई है।
8.मृत्य पुष्पों से बुके या फूलमालाओं के स्थान पर जीवन्त पौधे/सेप्लिंग्स भेंट में दी जायें।
9.नगर निगम की वेबसाइट पर पौधारोपण व पौधो के विषय में अधिकतम जानकारी उपलब्ध कराई जाये।
10.शवदाह-गृह के निकट स्मृति वन विकसित किये जायें, जहाँ लोग अपने दिवंगतों की स्मृति में पौधारोपण कर उसे संरक्षित करें।
11.होर्डिंग्स के माध्यम से भी वृक्षों की महत्ता के प्रति जनजागृति उत्पन्न की जाये।
12.समय-समय पर पौधारोपण को लेकर कार्यशालायें भी आयोजित की जायें।
13.आगरा में ‘बाॅटेनिकल गार्डन’ बनाया जाये, जो हरियाली के प्रति ज्ञानवर्द्धन होगा।
14.एक थिंक-टैन्क बनाया जाये, जो समय-समय पर विचार कर सुझाव व कार्ययोजनायें दे सके।
इन पार्कों की बदलेगी सूरत
लाॅयन्स क्लब के ड्रिस्ट्रिक्ट गवर्नर द्वारा आगरा शहर के चार पार्कों में 14 लाख की धनराशि चिल्ड्रन पार्क व आॅपन जिम आदि के लिए व्यय करने हेतु लाॅयन्स इन्टरनेश्नल की सहमति को बताया और चार पार्कों को चिन्हित करने व एमओयू करने के लिए नगर निगम व उद्यान विभाग से मांग की। उपनिदेशक (उद्यान) कौशल कुमार द्वारा बताया गया कि पालीवाल पार्क में विकास कार्य प्राथमिकता के आधार पर कराये जाएंगे, जिसके संबंध में निर्णय हो चुका है।