ऐसे हुआ फर्जीवाड़ा सरकार ने 2017-18 में उड़द खरीद की जिम्मेदारी पीसीएफ को दी थी। किसानों से खरीददारी का रेट 54 सौ रूपये प्रति कुंतल तय हुआ था। पीसीएफ ने खुद केंद्र न खोल कर खेड़ा गाँव की जन उत्थान बहुउद्देशीय सहकारी समिति से खरीददारी कराई। पीसीएफ अफसर और सहकारी समिति ने मिलकर किसानों की जगह बाजार से 36 सौ रूपये प्रति कुंतल की दर से 12261 कुंतल उड़द खरीद कर नैफेड को सप्लाई कर दी। इस दौरान 567 फर्जी किसानों की सूची भी सौपी गई और बताया गया कि इन किसानों से खरीद की गई है। लेकिन जब जांच हुई तो मौके पर कोई किसान नहीं मिला न ही उनके खाते नंबर मिले जिसके बाद ये घोटाला सामने आ गया। दो करोड़ से ज्यादा की सरकारी रकम डूबने से बच गई।
मुकदमा हुआ दर्ज बरेली के मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) सतेंद्र कुमार ने बताया कि घोटाला पकड़ में आने के बाद पीसीएफ के जिला प्रबंधक आलोक कुमार, जन उत्थान बहुउद्देशीय सहकारी समिति खेड़ा के सचिव राहुल गुप्ता, उर्द क्रय केंद्र प्रभारी हरिशंकर गुप्ता, बिचौलिया मनोज और राजीव के खिलाफ प्रेमनगर थाने में धोखाधड़ी की एफआईआर दर्ज कराइ गई है। पीसीएफ के जिला प्रबंधक आलोक कुमार को तत्काल निलंबित कर दिया गया है| माना जा रहा है कि अब इनकी गिरफ्तारी होगी। पुलिस किसी भी समय गिरफ्तार करके जेल भेज सकती है।