रेनबो हॉस्पिटल में हुई वर्कशॉप में डायटीशियन रेनुका डंग ने बताया कि गर्भावस्था के समय खानपान बहुत अहम होता है। वहीं योगाचार्य विनयकांत नागर ने कहा कि गर्भावस्था के दौरान योग करने से बच्चे में कई बदलाव आते हैं, जो बहुत अदभुत होते हैं। ब्रह्मकुमारी बहन अश्विना ने बताया कि गर्भावस्था में ध्यान लगाने से माता और शिशु को लंबी आयु मिलती है। डॉ. निधि गुप्ता ने गर्भावस्था के दौरान देखभाल पर जानकारी दी।
वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. नरेंद्र मल्होत्रा ने कहा कि जीवन का सबसे खूबसूरत क्षण तब होता है जब हमारे जीवन में एक नया जीव आता है। हम में से हर कोई इंतजार करता है कि कब हमारे परिवार का विस्तार होगा और वो नया जीव हमारे जीवन में खुशियां लेकर आएगा। लेकिन आज की इस भागती दौड़ती जिंदगी में कहीं न कहीं जहां स्ट्रेस हर जगह पर अपने कदम बिठा चुका है। ऐसे में इस खूबसूरत मोड़ पर भी हम बहुत ज्यादा स्ट्रेस्ड हो जाते हैं। वह प्रक्रिया जब बच्चा हमारे जीवन में आता थाए जब हम बच्चे का स्वागत करते थे। वो जितना कुदरती होता था आज उतना ही तनावग्रस्त और डरावना होने लगा है। इस श्रृंखला में हमारी कोशिश रहेगी कि डिवाइन मदर एंड वर्च्यु बेबी के कॉन्सेप्ट के जरिए हम इन्हीं पहलुओं को लेकर आपके साथ आएं। फेडरेशन आॅफ आॅब्सटेट्रिक एंड गायनेकोलॉजिकल सोसाइटी आॅफ इंडिया (फोग्सी) ने भी वर्ष 2018 के अपने एजेंडों में इसे प्रमुखता से शामिल किया है। इस प्रयोग का मकसद गर्भ में पल रहे बच्चे पर संस्कारों और शौर्य गाथाओं का प्रभाव देखना है। रेनबो हॉस्पिटल में गर्भ संवाद के जरिए स्वस्थ और बुद्धिमान शिशु पैदा करने में सहायता की जाएगी। इसके लिए गर्भवती महिलाओं के लिए एक विशेष तरह की कक्षाएं शुरू की गई हैं। इसमें गर्भवती महिलाओं को आमंत्रित कर उन्हें गर्भ संस्कार के बारे में बताना और फिर उसके परिणाम देखना शामिल है। गौरतलब है कि डाण् जयदीप वर्ष 2018 के लिए फोग्सी की प्रेसीडेंट चुनी गई हैं। 19 जनवरी को भुवनेश्वर में आयोजित होने जा रहे एक समारोह में वह अध्यक्ष पद पर कार्यभार ग्रहण कर लेंगी।