हनीट्रैप में रक्षा वैज्ञानिकों ग्रुप फंसा हुआ है। ऐसे माना जा रहा है। एटीएस के सूत्रों के मुताबिक आगरा में रक्षा सेमिनार में भाग लेने आए कानपुर के दो वैज्ञानिक भी हनीट्रैप में फंसे हैं। आगरा एटीएस यूनिट ने इनके बारे में बारीकी से छानबीन शुरू कर दी है। आगरा में होटल और उनके कमरे की छानबीन की गई और उनके मोबाइल, लैपटॉप और कंप्यूटर को जब्त किया गया। माना जा रहा है कि अभी तक इनके पास से कोई गोपनीय सूचना लीक होने की जानकारी नहीं मिली है। वहीं एक्सपर्ट फेसबुक चैटिंग भी खंगाल रहे हैं।
रोहिंग्या मुसलमानों का आगरा में ठिकाना बना है। हाल ही में रुनकता क्षेत्र में रहने के लिए 16 रोहिंग्या आगरा आए, जिन्हें फोर्ट रेलवे स्टेशन पर पकड़ा गया और उनसे पूछताछ की गई। उन्होंने बताया कि पहले से ही आगरा में यूनुस नाम का रोहिंग्या साथी रह रहा था। पुलिस को इसकी भनक तक नहीं थी। पुलिस इनके शरणार्थी कॉर्ड के सत्यापन की रिपोर्ट का इंतजार कर रही है। वहीं आगरा के एत्माउद्दौला क्षेत्र में अवैध बांग्लादेशी नागरिक के रूप में रह रही फातिमा को भी पकड़ा जा चुका है। उसका कनेक्शन बांग्लादेश से जाली नोट तस्करी करने वालों से जुड़ा था।
वहीं आगरा में अब तक दो दर्जन पाकिस्तानी नागरिक लापता चल रहे हैं। वहीं जासूसी के मामले में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के कई जासूस आगरा में रेकी कर गए हैं। सैन्य एरिया और ताजमहल क्षेत्र की रेकी के पुख्ता सबूत एटीएस और सुरक्षा ऐजेंसियों को मिले थे। इंडियन मुजाहिदीन के आतंकी आगरा में ठहरे थे। आतंकी एजाज शेख ताजमहल की रेकी कर गया था। वहीं आतंकी सलीम ने आगरा में पढ़ाई की थी। खुफिया विभाग ब्रह्मोस इंजीनियर के जासूसी प्रकरण में शामिल होने के बाद मुखबिरी तंत्र को और मजबूत करने में जुटी हैं।