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1.बस अत्यधिक गति से चल रही थी। बस की गति पर कोई नियंत्रण नहीं था। इस कारण बस डिवाइडर से टकरा गई।
2.सुबह के समय बस चालक को झपकी आना स्वाभाविक है। हो सकता है झपकी आने के कारण बस से नियंत्रण हट गया हो।
1.बस अत्यधिक गति से चल रही थी। बस की गति पर कोई नियंत्रण नहीं था। इस कारण बस डिवाइडर से टकरा गई।
2.सुबह के समय बस चालक को झपकी आना स्वाभाविक है। हो सकता है झपकी आने के कारण बस से नियंत्रण हट गया हो।
यह भी पढ़े: मैनपुरी में हुए बस हादसे की दर्दनाक तस्वीरें दिल दहला देंगीं… 3.जैसे ही बस जयपुर एक्सप्रेस वे और आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे से करहल पर उतरी, उसके पीछे एक जीप लग गई। यह जीप परिवहन विभाग की थी। इनका काम निजी बसों से मानक पूरे न करने के नाम पर वसूली करना होता है। माना जा रहा है कि अवैध वसूली से बचने के लिए चालक ने बस को अत्यधिक गति से दौड़ाया और नियंत्रण खो बैठा।
यह भी पढ़े: जयपुर से फर्रुखाबाद जा रही डबल डेकर बस पलटने में मारे गए लोगों की सूची 4. गर्मी से बचने के लिए करीब 30 यात्री डबल डेकर बस की छत पर बैठे थे। बस डिवाइडर से टकराई तो ये यात्री धड़ाम से नीचे आ गिरे। इन्हीं यात्रियों की मौत हुई है और घायल हुए हैं। जो लोग बस के अंदर थे, उन्हें अधिक चोटें नहीं हैं। बस पर यात्रा करना अवैध है। बस चालक और परिचालक ने इन यात्रियों को ऊपर बैठने से नहीं रोका।
यह भी पढ़े: दवा लेने गई दलित लड़की को अगवा कर कराया धर्म परिवर्तन 5. एक यात्री ने बताया कि करीब चार-पांच मिनट तक बस लहराती रही। जब तक कोई कुछ समझ पाता, तब तक बस पलट गई। यात्री का कहना है कि सबसे बड़ी गलती बस चालक की है। लापरवाही से बस चलाने के कारण इतनी बड़ी दुर्घटना हो गई।
क्षमता से अधिक थे यात्री
बस में क्षमता से अधिक यात्री थे। सीट से अधिक यात्री बैठे हुए थे। प्राइवेट बसें जयपुर से चलती हैं तो अधिक से अधिक सवारियां बैठाती हैं। फिर इन्हें जल्दी पहुंचने की होती है, ताकि आगे की बुकिंग कर सकें।
बस में क्षमता से अधिक यात्री थे। सीट से अधिक यात्री बैठे हुए थे। प्राइवेट बसें जयपुर से चलती हैं तो अधिक से अधिक सवारियां बैठाती हैं। फिर इन्हें जल्दी पहुंचने की होती है, ताकि आगे की बुकिंग कर सकें।