संजय प्लेस स्थित होटल पंचरत्न के बाहर एसीई कॉलेज के विद्यार्थियों ने सोलर का डेमो देते हुए सड़क पर एक राउंड लगाया। इस मौके पर संस्था के चेयरमैन संजय गर्ग व सचिव अखिल गोयल ने इसे विद्यार्थियों की विशेष उपलब्धि बताया। कहा कि यह तकनीक किसी भी देश के लिए वरदान साबित होगी। संस्था के निदेशक व सलाहकार प्रो. संयम अग्रवाल ने इसे फैकल्टी व छात्रों की मेहनत का परिणाम बताया। अन्य प्रोजेक्टों पर भी काम चल रहा है। प्रयास हैं वह भी सफल होंगे। मेंटर अहसान सिंह ने इसे छात्रों के अथक प्रयास की विजय बताया। इस तकनीक तो पेटेंट कराने के साथ कार को और बेहतर बनाने का प्रयास किया जा रहा है।
प्रोजेक्ट के डिजाइनिंग लीडर आकाश गुप्ता व टीम लीडर प्रोडक्शन शाहरुख मंसूरी के साथ राजू कुमार, रविश प्रताप, रोशन यादव, तारकेश्वर, हृदेश, धीरेन्द्र सेन ने अपने शिक्षकों के दिशा निर्देशन से सोलर कार को तैयार किया। बताया कि 10 महीने की कड़ी मेहनत में तैयार की गई कार की लागत लगभग 80 हजार रुपए है। कार की अधिकतम गति सीमा 30 किमी प्रति घंटा है। एक दिन में कार लगभग 30-40 किमी तक का सफर तय कर सकती है। 900 वॉट मोटर पॉवर की कार में एक बार में तीन लोग सवार हो सकते हैं।
कॉलेज के निदेशक प्रो. संयम अग्रवाल ने बताया कि कार में चार बैटरी का प्रयोग किया गया है, जिसकी कीमत लगभग 16 हजार है। पांच वर्ष तक चलने वाली बैटरी से कार प्रतिदिन लगभग 30-40 किमी चल सकती है। यानि पांच वर्ष में मात्र 16 हजार के खर्चे पर हम हर रोज 30-40 की यात्रा कर सकते हैं। इस कार का प्रयोग बच्चों को स्कूल लाने-ले जाने, बड़े संस्थानों में पेट्रोल व डीजल के वाहन के बजाय इन्हें प्रयोग में लाकर प्रदूषण स्तर को कम करने के साथ पेट्रोल व डीजल की खपत को भी कम किया जा सकता है। प्रो. संयम अग्रवाल ने दावा किया है कि अभी तक दुनिया में कहीं भी सोलर कार का प्रयोग नहीं किया जा रहा है। ताजनगरी के विद्यार्थियों का यह तोहफा पूरी दुनिया को पर्यावरण संरक्षण का संदेश देगा।