पश्चिम बंगाल के हावड़ा की रहने वाली एक युवती छह वर्ष पूर्व घर से नाराज होकर भाग आई थी। दिल्ली में एक युवती से दोस्ती हो गई। उसने खाने के लिए रोटी दी और सिर छुपाने के लिए छत भी दी, लेकिन उसे नहीं पता था, कि उस दोस्ती की उसे इतनी बड़ी सजा मिलेगी। युवती ने उसे एक महिला को बेच दिया, सपना दिखाया गया दुल्हन बनने का। इसके बाद महिला ने उसे मानव तस्करों को दे दिया। मानव तस्करों ने उसे दुल्हन बनाकर आगरा के सैंया में बेच दिया। यहां उसे घर में कैद रखा गया, उससे नौकरानी का काम लिया गया, इसके बाद जी भर गया, तो उसे देह व्यापार में धकेल दिया गया।
तीन महीने पूर्व न्यू आगरा के होटल तपस्या में हुई छापामारी में वह पकड़ी गई थी, उसे नारी निकेतन भेज दिया गया। 15 दिन पहले उसकी जमानत हो गई। पुलिस उसे लेकर हावड़ा पहुंची। वह अपने घर का पता भी भूल चुकी थी। एक रिश्तेदार के घर का पता याद आया। वहां जाकर पता चला कि रिश्तेदार ने घर बदल लिया, कहीं और रहने लगा। यहां पता चला कि उसकी मां का निधन हो गया है। इसके बाद पुलिस उसे नारी निकेतन लेकर पहुंची, लेकिन वहां भी उसे रखने से मना कर दिया गया, क्योंकि उसकी जमानत हो चुकी है। अब इस युवती की जिदंगी जहन्नुम बन चुकी है, उसकी खुद समझ नहीं आ रहा है कि वे करे भी तो आखिर अब क्या।