ये बोले कमिश्नर
कमिश्नर ने कहा कि ऐसी सुप्रसिद्ध धरोहरों को अधिक सुंदर बनाया जाए, ताकि लोगों में इनके प्रति आकर्षण बढ़े और संरक्षित रखने में वह भी अपना योगदान दें। उन्होंने कहा कि देश के विभिन्न क्षेत्रों में भिन्न-भिन्न निर्माण शैलियां हैं, जो अनेकता में एकता को प्रदर्शित करती हैं। उन्होंने कहा कि प्रयास करके अन्य स्थलों को भी विश्व धरोहर की श्रेणी में लाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इसमें सभी का सहयोग अपेक्षित है।
अधीक्षण पुरातत्वविद् आगरा मण्डल, भापुस वसन्त कुमार स्वर्णकार ने अवगत कराया कि देश के 38 विभिन्न स्थलों, स्मारकों आदि को विश्व धरोहर के रूप में मान्यता मिली है। इनकी और संख्या बढ़ाये जाने के लिये विभाग लगातार प्रयासरत है, जिससे प्राचीनतम अन्य स्थलों को भी इसमें जोड़ा जा सके। उन्होंने कहा कि इनके माध्यम से पर्यटन की संभावनायें बढ़ती हैं। उप-अधीक्षण पुरातत्व अभियन्ता दिवाकर सिंह ने कहा कि ऐसे स्थलों के माध्यम से इतिहास की जानकारी होती है। अतः इनको संरक्षित करने की आवश्यकता है। इस लिये बच्चों को इनके महत्व आदि के सम्बन्ध में जानकारी दी जानी चाहिए।