बता दें कि आगरा शहर में डॉ.भीमराव आंबेडकर के जयंती पर तीन दिवसीय भीमनरी महोत्सव का आयोजन होता है। 14 अप्रैल को होने वाली भीमनगरी के लिए जोर शोर से कार्य चल रहा है। वहीं दो अप्रैल को हुए भारत बंद में दलित समाज द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शन में भाजपा के दलित जनप्रतिनिधियों द्वारा सहयोग नहीं किया। इस बात से दलित समाज से आक्रोश व्याप्त है। डॉ. भीमराव अंबेडकर जयंती समारोह मेला कमेटी की ओर से एक बैठक की गई। कमेटी संयोजक यतिनंदन आर्य ने कहा कि भाजपा सरकार में दलितों पर अत्याचार हो रहा है। ऐसे सभी नेताओं को जयंती समारोह से दूर रखा जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि यदि उन्हें (भाजपा नेताओं को) समाज के कार्यक्रम में शामिल होना है तो पहले भाजपा से इस्तीफा देना होगा। तभी उन्हें मंच पर स्थान दिया जाएगा।
दलित समाज के जनप्रतिनिधियों ने नहीं दिया साथ
इस बैठक में सदस्यों ने आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि दलित समाज से होने के बाद भी भाजपा के तमाम जनप्रतिनिधियों ने उनका साथ नहीं दिया। दलितों ने उन्हें वोट देकर संसद और विधानसभा पहुंचाया। लेकिन, यह लोग अब दलित आंदोलन में भी हिस्सा नहीं ले रहे हैं। सिर्फ अपनी राजनीति चमका रहे हैं। बता दें कि आगरा में दो अप्रैल को हुए विरोध प्रदर्शन में बवाल हुआ था। जिसमें भाजपा महानगर अध्यक्ष के होटल में तोड़फोड़ की गई थी। इसके बाद शहर में जमकर तोड़फोड़ और अराजकता फैली। अब इन अराजकतत्वों की धरपकड़ की जा रही है। ऐसे में दलितों की ये पंचायत लोकसभा चुनाव में भाजपा के लिए मुश्किलें खड़ी करने वाली साबित हो सकती है।
इस बैठक में सदस्यों ने आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि दलित समाज से होने के बाद भी भाजपा के तमाम जनप्रतिनिधियों ने उनका साथ नहीं दिया। दलितों ने उन्हें वोट देकर संसद और विधानसभा पहुंचाया। लेकिन, यह लोग अब दलित आंदोलन में भी हिस्सा नहीं ले रहे हैं। सिर्फ अपनी राजनीति चमका रहे हैं। बता दें कि आगरा में दो अप्रैल को हुए विरोध प्रदर्शन में बवाल हुआ था। जिसमें भाजपा महानगर अध्यक्ष के होटल में तोड़फोड़ की गई थी। इसके बाद शहर में जमकर तोड़फोड़ और अराजकता फैली। अब इन अराजकतत्वों की धरपकड़ की जा रही है। ऐसे में दलितों की ये पंचायत लोकसभा चुनाव में भाजपा के लिए मुश्किलें खड़ी करने वाली साबित हो सकती है।