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आगरा

दलित दूल्हा संजय की होगी दुल्हनियां, आखिर क्यों चर्चा में है दलित की बारात पढ़ें खबर

कासगंज के गांव निजामपुर में पुलिस का सख्त पहरा, घोड़ी के बजाए बग्गी से निकलेगा बारात

आगराJul 15, 2018 / 07:05 pm

अभिषेक सक्सेना

dalit barat

दलित दूल्हा संजय की होगी दुल्हनियां, आखिर क्यों चर्चा में है दलित की बारात पढ़ें खबर

आगरा। जिसका इंतजार लंबे समय से दो परिवार कर रहे थे। आज उसका इंतजार खत्म हो गया। दलित की बारात गांव में चढ़ाने को लेकर उठे विवाद में योगी आदित्यनाथ तक अपनी बात पहुंचाने वाला दलित दूल्हा संजय आखिरकार शीतल को व्याहने के लिए कासगंज में पहुंचेगा। विवाह की वेदी सजकर तैयार है तो पुलिस प्रशासन ने भी इस शादी को संपन्न कराने के लिए पूरी कमान कस ली है। गांव को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। बता दें कि दलित की बारात को चढ़ाने के लिए गांव के सवर्ण वर्ग पर आरोप लगे थे कि वे गलियों से बग्गी नहीं निकलने देते हैं। संजय ने मांग की थी कि वो बारात गांव में घुमाएंगा। इसके बाद शुरू हुआ एक ऐसा सिलसिला जो लगातार सुर्खियों में रहा।
दलित की शादी आज, शुरू हुए जश्न
कासगंज का निजामपुर गांव में रविवार को एक शादी ऐसी होगी जो पिछले कई महीनों से सुर्खियों में रही है। दलित युवक और युवती की शादी को लेकर शासन प्रशासन तक मुस्तैद है। आज निजामपुर गांव छावनी में तब्दील है। यहां लोगों को बैरियर पार करने के बाद आना पड़ रहा है। प्रशासन ने एडीएम वित्त राकेश कुमार, एएसपी डॉ.पवित्र मोहन त्रिपाठी सहित सीओ और तमाम पुलिस फोर्स को गांव में तैनात कर रखा है। एक प्लाटून पीएसी भी गांव में लगाई गई है। गांव में शीतल के घर मंगलगीत शुरू हो चुके हैं। दुल्हन पक्ष दूल्हे के आगमन के लिए पलक पावड़ें बिछाए हुए हैं। वहीं पुलिस फोर्स ने सवर्ण बाहुल्य इलाकों में पहला लगा दिया है। सवर्णों की गली में सन्नाटा पसरा है तो दलित बाहुल्य में जश्न का माहौल है।
मांगलिक कार्य संपन्न कराने के लिए जुटा प्रशासनिक अमला
इस बरात में दूल्हा घोड़े पर नहीं बल्कि बग्गी में सवार होकर आने वाला है। निर्धारित मार्ग से ही बरात को निकाले जाने के निर्देश दिए गए हैं। ये शादी सबसे पहले चर्चा में जनवरी महीने में आई थी, जब युवक संजय का घोड़ी पर बैठकर पूरे गांव में बारात घुमाने का विरोध सवर्ण वर्ग ने किया था। आरोप है कि संजय से सवर्ण वर्ग ने कहा था कि वो गांव की परम्परा को तोड़ रहा है। इस गांव में कभी बारात घूमी ही नही है। मामले ने तूल पकड़ लिया और राजनीतिक सरगर्मियां भी बढ़ गईं। विवाद बढ़ा जो सीएम की चौखट तक पहुंचा। दबाव पड़ा तो प्रशासन ने हस्तक्षेप किया और समझौता कराया। दलित लड़की जुलाई महीने में नाबालिग थी, जिसके बाद शादी की तारीख 15 जुलाई तय हुई। रविवार सुबह से ही पुलिस ने गांव में डेरा जमा लिया और अब मांगलिक कार्य संपन्न कराने की जिम्मेदारी ले ली है।
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