ये है पूरा मामला
नौ मई को एसएन में भर्ती केदार नगर के 67 वर्ष व्यक्ति की मौत हुई थी। वे कोरोना से पीड़ित पाए गए थे, इसलिए उनके बेटे भी क्वारंटीन किए गए हैं। सोमवार को उनके बेटों को बुलाया गया और ताजगंज के विद्युत शवदाह गृह में अंतिम संस्कार करा दिया गया। उन्होंने पिता का शव समझकर अंतिम संस्कार कर दिया लेकिन वो शव न्यू ख्वासपुरा, शाहगंज निवासी 48 वर्षीय चांदी कारीगर का था। जो कि अल्पसंख्यक समुदाय से आता है। इस बात का खुलासा तब हुआ जब सोमवार चांदी कारीगर का बेटा उनका शव लेने के लिए पोस्टमार्टम हाउस गया।
दरअसल पत्नी की मौत से सदमे में आए चांदी कारोबारी की नौ मई को तबियत बिगड़ गई थी। उन्हें तेज बुखार और सांस लेने मे दिक्कत थी इस कारण एसएन इमरजेंसी में भर्ती कराया गया था। वहां डॉक्टरों ने कोरोना की आशंका व्यक्त करते हुए टेस्ट कराया। दस मई को उनकी मौत हो गई। इसके बाद शव को मोर्चरी में रखवा दिया गया। कारोबारी के बेटे से अस्पताल के स्टाफ ने कहा कि सोमवार को कोरोना की रिपोर्ट आने के बाद ही शव मिल पाएगा।
लिहाजा उनका बेटा सोमवार को पिता का शव लेने मोर्चरी पहुंचा तो पुलिस ने उससे पिता का शव पहचानने और अंतिम संस्कार कोरोना प्रोटोकॉल के तहत स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा किए जाने की बात कही। जब वो मोर्चरी में शव की पहचान करने गया तो उसे वहां किसी और का शव मिला। इसके बाद उसने शव गायब होने को लेकर छानबीन शुरू की। तब पूरे मामले का खुलासा हुआ। फिलहाल मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आरसी पांडेय ने इसे घोर लापरवाही का मामला मानते हुए जांच शुरू कराई है। साथ ही लापरवाह कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही है।