साक्ष्य के अभाव में बरी
बताते चलें कि आगरा की समस्याओं को लेकर भाजपाइयों ने 2009 में आगरा से दिल्ली तक पदयात्रा निकाली थी। उस समय भाजपाइयों का पुलिस से टकराव भी हुआ था, जिसमें पुलिस ने अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष डॉ. रामशंकर कठेरिया, आगरा महापौर नवीन जैन, फतेहपुर सीकरी के विधायक चौधरी उदयभान, पूर्व मंत्री हरद्वार दुबे व भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष पुरुषोत्तम खंडेलवाल की गिरफ्तारी की थी। उस समय इन्हें जमानत मिल गई थी। तब से पटियाला कोर्ट में इस मामले में सुनवाई चल रही थी। जानकारी के मुताबिक 28 सितंबर, 2018 को दिल्ली पटियाला कोर्ट में हुई सुनवाई में साक्ष्य के अभाव में पांचों नेताओं को बाइज्जत बरी कर दिया गया है। इसके साथ ही नेताओं ने राहत की सांस ली है।
बताते चलें कि आगरा की समस्याओं को लेकर भाजपाइयों ने 2009 में आगरा से दिल्ली तक पदयात्रा निकाली थी। उस समय भाजपाइयों का पुलिस से टकराव भी हुआ था, जिसमें पुलिस ने अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष डॉ. रामशंकर कठेरिया, आगरा महापौर नवीन जैन, फतेहपुर सीकरी के विधायक चौधरी उदयभान, पूर्व मंत्री हरद्वार दुबे व भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष पुरुषोत्तम खंडेलवाल की गिरफ्तारी की थी। उस समय इन्हें जमानत मिल गई थी। तब से पटियाला कोर्ट में इस मामले में सुनवाई चल रही थी। जानकारी के मुताबिक 28 सितंबर, 2018 को दिल्ली पटियाला कोर्ट में हुई सुनवाई में साक्ष्य के अभाव में पांचों नेताओं को बाइज्जत बरी कर दिया गया है। इसके साथ ही नेताओं ने राहत की सांस ली है।
ये है मामला
वर्ष 2009 में आगरा की समस्याओं को लेकर भाजपाइयों ने आगरा से दिल्ली तक पदयात्रा निकाली थी। उस समय उनका पुलिस से टकराव भी हुआ था । तब पुलिस ने अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष रामशंकर कठेरिया, फतेहपुर सीकरी के भाजपा विधायक चौधरी उदयभान सिंह, पूर्व मंत्री हरद्वार दुबे व भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष पुरुषोत्तम खंडेलवाल की गिरफ्तारी की थी । साथ ही इनके खिलाफ थाने में तोड़फोड़ किए जाने व सड़क पर जाम लगाने का मुकदमा दर्ज किया था। उस समय इन्हें जमानत मिल गई थी।
वर्ष 2009 में आगरा की समस्याओं को लेकर भाजपाइयों ने आगरा से दिल्ली तक पदयात्रा निकाली थी। उस समय उनका पुलिस से टकराव भी हुआ था । तब पुलिस ने अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष रामशंकर कठेरिया, फतेहपुर सीकरी के भाजपा विधायक चौधरी उदयभान सिंह, पूर्व मंत्री हरद्वार दुबे व भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष पुरुषोत्तम खंडेलवाल की गिरफ्तारी की थी । साथ ही इनके खिलाफ थाने में तोड़फोड़ किए जाने व सड़क पर जाम लगाने का मुकदमा दर्ज किया था। उस समय इन्हें जमानत मिल गई थी।
2010 से जमानत पर थे
वर्ष 2010 में जब इनके खिलाफ वारंट जारी हुए तो पांचों ने दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट से जमानत करा ली। तब से कोर्ट में इस मामले की सुनवाई चल रही है। इस मामले में सोमवार को लंबी बहस के बाद कोर्ट ने अपना आखिरी फैसला सुरक्षित कर लिया था, जिसे 28 सितंबर को सुनाया गया। अगर ये पांचों नेता मामले में दोषी पाए जाते तो इन्हें कम से कम तीन माह की सजा या जुर्माना या फिर दोनों हो सकते थे।
वर्ष 2010 में जब इनके खिलाफ वारंट जारी हुए तो पांचों ने दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट से जमानत करा ली। तब से कोर्ट में इस मामले की सुनवाई चल रही है। इस मामले में सोमवार को लंबी बहस के बाद कोर्ट ने अपना आखिरी फैसला सुरक्षित कर लिया था, जिसे 28 सितंबर को सुनाया गया। अगर ये पांचों नेता मामले में दोषी पाए जाते तो इन्हें कम से कम तीन माह की सजा या जुर्माना या फिर दोनों हो सकते थे।