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आगरा

नोटबंदी से नहीं उभर सके यहां बैंक एटीएम, मशीनें पड़ी है खाली

639 एटीएम में से 118 एटीएम एक साल से बंद पड़े हैं।

आगराMar 15, 2018 / 10:38 am

अभिषेक सक्सेना

Demonetisation
आगरा। पिछले एक साल से आगरा में 118 एटीएम बंद मिले हैं। बैंको को नोटिस जारी कर इन बंद एटीएम के लिए जिम्मेदारों पर कार्रवाई करने के लिए कहा गया है। नोटबंदी के बाद से निजी और सरकारी बैंको के ये करीब 118 एटीएम ग्राहकों के लिए कष्टकारी हो रहे हैं। ग्राहक एटीएम से पैसे निकालने के लिए चक्कर काट रहे हैं। एटीएम बंद होने के चलते बैंकों पर दबाव बढ़ा है।
जनपद में ये है बैंक और एटीएम का आंकड़ा
जनपद में कुल 639 एटीएम हैं। वहीं आगरा जनपद में 516 बैंक शाखाएं हैं। 22.5 लाख बैंक खाते हैं। तो जनधन के 6.5 लाख खाते हैं। हर दिन करीब 65 हजार रुपये हर एटीएम पर खर्च होता है।
रिजर्व बैंक लगाएगी जुर्माना
नोटबंदी के बाद जब जांच पड़ताल हुई तो ऐसा खुलासा हुआ कि सभी चौंक गए। जिले के 639 एटीएम में से 118 एटीएम एक साल से बंद पड़े हैं। जितने दिन एटीएम बंद रहे हैं, इसके लिए जिम्मेदार आउटसोर्सिंग कंपनियों के भुगतान में कटौती कर जुर्माना लगाएं। ऐसे निर्देश दिए गए हैं। बता दें कि जनपद में 22 लाख से ज्यादा एटीएम कार्डधारक हैं, जो एक साल तक नकदी के लिए एक से दूसरे एटीएम तक दौड़ लगाते रहे, लेकिन बैंकों ने एटीएम पर ध्यान ही नहीं दिया। वहीं ऑन साइट के साथ आफ साइट एटीएम भी नकदी न दे सके। इन बैंकों और एटीएम में नकदी भरने वाली कंपनियों पर जुर्माने की सिफारिश अग्रणी जिला प्रबंधक ने की है।
जुर्माना लगाएं जो भी एटीएम बंद हुए
लीड बैंक के मैनेजर पंकज सक्सेना का कहना है कि एटीएम का रखरखाव करने वाली कंपनियों के भुगतान में कटौती हो सकती है। लंबे समय तक रख रखाव में लापरवाही पर कंपनियों पर जुर्माना लगा जा सकता है। बता दें कि सार्वजनिक क्षेत्र और निजी बैंकों ने एटीएम में नकदी जमा करने और उनके रखरखाव की जिम्मेदारी आउटसोर्सिंग कंपनियों की होती है।

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