जनपद में ये है बैंक और एटीएम का आंकड़ा
जनपद में कुल 639 एटीएम हैं। वहीं आगरा जनपद में 516 बैंक शाखाएं हैं। 22.5 लाख बैंक खाते हैं। तो जनधन के 6.5 लाख खाते हैं। हर दिन करीब 65 हजार रुपये हर एटीएम पर खर्च होता है।
जनपद में कुल 639 एटीएम हैं। वहीं आगरा जनपद में 516 बैंक शाखाएं हैं। 22.5 लाख बैंक खाते हैं। तो जनधन के 6.5 लाख खाते हैं। हर दिन करीब 65 हजार रुपये हर एटीएम पर खर्च होता है।
रिजर्व बैंक लगाएगी जुर्माना
नोटबंदी के बाद जब जांच पड़ताल हुई तो ऐसा खुलासा हुआ कि सभी चौंक गए। जिले के 639 एटीएम में से 118 एटीएम एक साल से बंद पड़े हैं। जितने दिन एटीएम बंद रहे हैं, इसके लिए जिम्मेदार आउटसोर्सिंग कंपनियों के भुगतान में कटौती कर जुर्माना लगाएं। ऐसे निर्देश दिए गए हैं। बता दें कि जनपद में 22 लाख से ज्यादा एटीएम कार्डधारक हैं, जो एक साल तक नकदी के लिए एक से दूसरे एटीएम तक दौड़ लगाते रहे, लेकिन बैंकों ने एटीएम पर ध्यान ही नहीं दिया। वहीं ऑन साइट के साथ आफ साइट एटीएम भी नकदी न दे सके। इन बैंकों और एटीएम में नकदी भरने वाली कंपनियों पर जुर्माने की सिफारिश अग्रणी जिला प्रबंधक ने की है।
नोटबंदी के बाद जब जांच पड़ताल हुई तो ऐसा खुलासा हुआ कि सभी चौंक गए। जिले के 639 एटीएम में से 118 एटीएम एक साल से बंद पड़े हैं। जितने दिन एटीएम बंद रहे हैं, इसके लिए जिम्मेदार आउटसोर्सिंग कंपनियों के भुगतान में कटौती कर जुर्माना लगाएं। ऐसे निर्देश दिए गए हैं। बता दें कि जनपद में 22 लाख से ज्यादा एटीएम कार्डधारक हैं, जो एक साल तक नकदी के लिए एक से दूसरे एटीएम तक दौड़ लगाते रहे, लेकिन बैंकों ने एटीएम पर ध्यान ही नहीं दिया। वहीं ऑन साइट के साथ आफ साइट एटीएम भी नकदी न दे सके। इन बैंकों और एटीएम में नकदी भरने वाली कंपनियों पर जुर्माने की सिफारिश अग्रणी जिला प्रबंधक ने की है।
जुर्माना लगाएं जो भी एटीएम बंद हुए
लीड बैंक के मैनेजर पंकज सक्सेना का कहना है कि एटीएम का रखरखाव करने वाली कंपनियों के भुगतान में कटौती हो सकती है। लंबे समय तक रख रखाव में लापरवाही पर कंपनियों पर जुर्माना लगा जा सकता है। बता दें कि सार्वजनिक क्षेत्र और निजी बैंकों ने एटीएम में नकदी जमा करने और उनके रखरखाव की जिम्मेदारी आउटसोर्सिंग कंपनियों की होती है।
लीड बैंक के मैनेजर पंकज सक्सेना का कहना है कि एटीएम का रखरखाव करने वाली कंपनियों के भुगतान में कटौती हो सकती है। लंबे समय तक रख रखाव में लापरवाही पर कंपनियों पर जुर्माना लगा जा सकता है। बता दें कि सार्वजनिक क्षेत्र और निजी बैंकों ने एटीएम में नकदी जमा करने और उनके रखरखाव की जिम्मेदारी आउटसोर्सिंग कंपनियों की होती है।