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नोट बंदी में भी हो गया था फायदा लेकिन इसबार स्थिति बनी नाजुक

locationआगराPublished: Oct 25, 2017 05:00:46 pm

Submitted by:

Santosh Pandey

बटेश्वर मेले का हाल, दस दिन से नहीं हुई एक भी घोड़े की बिक्री

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संतोष कुमार पाण्डे

आगरा। नोट बंदी के दौरान भी कुछ लोगों को फायदा और कुछ को हुआ नुकसान। लेकिन हालात बहुत खराब नहीं थे। इस बार बिना किसी नोटबंदी के भी मवेशी मालिको को नुकसान उठाना पड़ रहा है। आगरा के बटेश्वर पशु मेले में मवेशी पालकों के इस बार ऐसे ही कुछ हालात थे। उस्मान ने बताया कि इस बार उसने 30 घोड़े और घोड़ियां लाए थे। लगभग दस दिन बीत जाने के बाद भी एक भी मवेशी नहीं बिका। यह अकेले केवल उस्मान का हाल नहीं है। मेले में जितने मवेशी पालक आए थे सभी ने यह बात सुनाई। यहां तक की उनके सामने खाने के लाले पड़ गए है। मवेशियों के लिए बनाए गए कपड़े, घंटे और रस्सी भी नहीं बिके। जब उनसे पिछले साल की बात की गई तो सभी ने इस बार के मेले को ज्यादा नुकसान दायक बताया।
पुष्कर मेला भी बड़ा कारण

बटेश्वर मेले में आए पशु पालकों ने बताया कि पता नहीं क्यों इसबार घोड़े नहीं बिके। इसके पीछे की बड़ी वजह राजस्थान के पुष्कर में होने वाले पशुओं के मेले में घोड़ों के आने पर रोक लग जाना भी बताया गया। उदय राज आगरा के ही घोड़ा व्यापारी हैं। वो पिछले साल बटेश्वर मेले में काफी घोड़े बेच दिए थे लेकिन इसबार एक भी नहीं बिका। उन्होंने बताया कि उनका नसीब ही खराब है जो घोड़े नहीं बिके। नहीं तो इस बार नोट बंदी भी नहीं है लेकिन नुकसान हो रहा है।
माल बाहर नहीं बिक रहा

फिरोजाबाद से जानवरों के लिए सामान बेचने आए लोगों ने बताया कि नजरौटा, साकर और घंटी की बिक्री नहीं हो रही है। बनाने वाले और बेचने वाले दोनों नुकसान झेल रहे हैं। मेले में लोगों ने बताया कि हर बार इसी मेले में अधिक बिक्री हो जाती थी। इस बार जैसे हालात कभी नहीं थे।
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