सबसे पहले गुरुद्वारा गुरु के ताल के मौजूदा मुखी संत बाबा प्रीतम सिंह जी ने गुरुद्वारे का इतिहास बताते हुए बताया कि यह स्थान हिन्द की चादर नोवें गुरु श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी की शहादत से जुड़ा है। जब गुरु जी हिन्दू धर्म की रक्षा की खातिर अपनी गिरफ्तारी दी, उस स्थान पर आज गुरुद्वारा मंजी साहिब है और जहां उन्हें 9 दिन तक नजर बंद रखा गया वह भोरा साहिब है। विगत वर्षों में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा उत्तर प्रदेश धार्मिक स्थानों में स्वच्छता के लिए प्रथम पुरस्कार मिला।
ये रखी मांगे
विधायक योगेन्द्र उपाध्याय ने उपमुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए समाज की कुछ मांगों को उनके समक्ष रखा।
-दिल्ली की तरह गुरुमुखी भाषा को स्नातक में मान्यता मिले।
– सिक्ख गुरुओं के नाम से प्रदेश में कोई अवॉर्ड दिया जाए।
– सिक्ख समाज द्वारा 550 ***** प्रकाश पूरब पर भारत से करतार पुर साहिब (पाकिस्तान) की तरफ कारीडोर खोलने की मांग की।
– गुरुद्वारे के सामने पार्क का निर्माण का कार्य
– गुरुद्वारे के सामने नाले का निर्माण
– गुरुद्वारा की ट्रक पर्किंग को पक्का करने का कार्य
– 24 नवंबर की जगह 12 दिसंबर को श्री गुरु तेग बहादुर साहिब के बलिदान दिवस पर सार्वजनिक अवकाश घोषित किया जाए ।
ये बोले उपमुख्यमंत्री
उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने बताया कि सिक्ख समाज से उन्हें आत्मबल मिलता है। जब वे महापौर का चुनाव हार रहे थे, तब गुरुद्वारे में सिर नवाजने से संतुष्टि मिली और पूरे चुनाव में वह जो सारोपा मिला उसे पूरे चुनाव में संभाल के रखा गुरबानी (पंजाबी) भाषा के सवाल पर उन्होंने कहा कि उन्होंने अभी ही सिद्धार्थ नगर में पंजाबी भाषा शुरू की है, जो नए सत्र में लागू हो जाएगी। उसकी लोकप्रियता के बाद उत्तर प्रदेश के सभी विश्व विद्यालय में लागू कर दी जाएगी।
कार्यक्रम में गुरु के ताल मीडिया प्रभारी मास्टर गुरनाम सिंह, समन्वयक बंटी ग्रोवर , प्रीटी उपाध्याय, कंवलदीप सिंह, वात्सल उपाध्याय, मनमोहन सिंह वालिया, सिमरन उपाध्याय, नरेंद्र सिंह खनूजा, पाली सेठी, उपेन्द्र लवली, अलौकिक उपाध्याय, गुरनाम सिंह अरोरा, परमिंदर सिंह ग्रोवर, रानी सिंह आदि।