आगरा लोकसभा सीट इस समय भारतीय जनता पार्टी के कब्जे में हैं। यहां से सांसद हैं डॉ. रामशंकर कठेरिया। वे एससी आयोग के चेयरमैन हैं। उनका यहां विरोध हो रहा था, इस कारण पार्टी ने प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल को प्रत्याशी बनाया। वे टूंडला से विधायक हैं। साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार में पशुधन विकास मंत्री हैं। उनके प्रत्याशी बनने के बाद कार्यकर्ताओं की नाराजगी कम हुई। उन्हें हाथोंहाथ लिया गया। उनका मुकबला गठबंधन की ओर से बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी मनोज कुमार सोनी से है। कांग्रेस की प्रत्याशी प्रीता हरित की यहां उपस्थिति मात्र है। मुकाबला भाजपा और बसपा प्रत्याशी के बीच है। एग्जिट पोल के अनुसार इस सीट पर भाजपा प्रत्याशी प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल की जीत सुनिश्चित मानी जा रही है।
फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट
फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट पर भाजपा प्रत्याशी राजकुमार चाहर और कांग्रेस प्रत्याशी राज बब्बर के बीच कड़ी टक्कर। गठबंधन की ओर से बसपा प्रत्याशी श्रीभघवान शर्मा उर्फ गुड्डू पंडित ने तीसरा कोण बनाया है। यहां राज बब्बर ने अपने बलबूते चुनाव लड़ा है। कांग्रेस का परंपरागत वोट नहीं है। उन्होंने भाजपा के वोट बैंक में सेंध लगाई है। चुनाव से पूर्व कद्दावर बसपा के पूर्व विधायक डॉ. धर्मपाल सिंह, सूरजपाल सिंह और भगवान सिंह कुशवाहा को अपने पाले में करके खलबली मचा दी थी। सबने जी जान लगाई है। भाजपा ने पूर्व मंत्री रामसकल गुर्जर और पूर्व विधायक डॉ. राजेन्द्र सिंह को अपने साथ लाकर धूम मचा दी। बाह और खेरागढ़ विधानसभा क्षेत्र में ब्राह्मण और ठाकुर वोट बँटा है। भाजपा ने छोटी जातियों के वोटरों पर ध्यान केन्द्रित किया है। पार्टी को हर बूथ पर वोट मिला है। फतेहपुर सीकरी में पांचों विधानसभा क्षेत्रों में विधायक भाजपा के हैं। इसका लाभ भाजपा को मिलता दिखाई दे रहा है।
फिरोजाबाद लोकसभा सीट
फिरोजाबाद लोकसभा सीट पर सबकी निगाहें लगी रही हैं। यहां गठबंधन की ओर से समाजवादी पार्टी की ओर से अक्षय यादव और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया की ओर से राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह, भाजपा के डॉ. चन्द्रसेन जादौन चुनाव में मैदान में रहे। चाचा-भतीजे के आमने-सामने आने से चुनाव रोचक बन गया। भाजपा को आशा थी कि शिवपाल सिंह यादव वोट काटेंगे, लेकिन हकीकत में ऐसा हो नहीं सका है। भाजपा का वोट हर बूथ पर है, लेकिन पलड़ा भारी यहां अक्षय यादव का दिखाई दे रहा है। भाजपा ने कड़ी टक्कर दी है। जीत-हार का अंतर अधिक नहीं रहने वाला है।
मैनपुरी लोकसभा सीट
मैनपुरी लोकसभा सीट पर दशकों से समाजवादी पार्टी का कब्जा है। यहां से मुलायम सिंह यादव भारी अंतर से चुनाव जीतते आ रहे हैं। इस बार के लोकसभा चुनाव में भी उनके सामने कोई प्रत्याशी टिकता दिखाई नहीं दे रहा है। मुलायम सिंह यादव एक बार फिर यहां से चुनाव जीत रहे हैं। मुलायम सिंह यादव का अभी तक कोई विकल्प नहीं बन सका है। देखते हैं भाजपा प्रत्याशी प्रेमपाल सिंह शाक्य कितने वोट ला पाते हैं।
मथुरा लोकभा सीट
मथुरा लोकसभा सीट वीआईपी की श्रेणी में हैं। यहां से भाजपा ने एक बार फिर सांसद हेमा मालिनी को चुनाव मैदान में उतारकर चुनौती पेश की। गठबंधन की ओर से राष्ट्रीय लोकदल के प्रत्याशी कुंवर नरेन्द्र सिंह और कांग्रेस के महेश पाठक प्रत्याशी थे। चुनाव के दौरान देखा गया कि यहां भाजपा का प्रबंधन श्रेष्ठ था। हेमा मालिनी का