दरअसल पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड समेत उत्तर भारत के कई राज्यों में हो रही भारी बारिश के कारण यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। यमुना में खतरे के निशान 494 फुट पर है। रविवार शाम को आगरा में यमुना का जलस्तर 489 तक पहुंच गया। यानी ये खतरे के निशान से मात्र नौ फुट नीचे था। वहीं हथिनीकुंड बैराज से 21 लाख क्यूसेक पानी रविवार को ही छोड़ा गया। जानकारों का अनुमान है कि ये पानी मंगलवार तक दिल्ली और बुधवार तक आगरा पहुंच जाएगा। इसके कारण यमुना खतरे के निशान को पार सकती है और आगरा के कई इलाकों में बाढ़ आ सकती है।
लगातार यमुना का जलस्तर बढ़ते देखते हुए कई इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया गया है। मदद के लिए आठ स्थानों कैलाश मंदिर, अमर विहार, पोइया घाट, बल्केश्वर घाट, आगरा फोर्ट, करमना, तनौरनूरपुर, समौगर पर बाढ़ चौकी बनायी गई है। प्रत्येक चौकी पर 13 कर्मचारियों की ड्यूटी निर्धारित की गई है। प्रशासनिक अधिकारी लगातार इस पर नजर बनाए हुए हैं। बताया जा रहा है कि सदर तहसील के चार गांव लो फ्लड, सात गांव मीडियम फ्लड और 27 गांव हाई फ्लड के दायरे में हैं।
सिंचाई व बाढ़ नियंत्रण विभाग के अनुसार आगरा में यमुना नदी में खतरे का निशान 494 पर है। 499 पहुंचने पर डूब क्षेत्र में यमुना का पानी पहुंचने लगता है। वर्ष 1978 में जलस्तर 508 पहुंचने पर बेलनगंज में पानी पहुंच गया था। वहीं 520 पहुंचने पर पूरा शहर बाढ़ की चपेट में आ सकता है।