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चम्बल नदी में बाढ़, गांवों में घुसा पानी, फसल डूबी, मची हलचल, चरवाहों को खास निर्देश, देखें वीडियो

-खतरे के निशान के नजदीक पहुंची चंबल नदी -तटवर्ती गांवों में किया गया हाई अलर्ट -कोटा बैराज से 1.62 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा

आगराAug 17, 2019 / 02:19 pm

धीरेंद्र यादव

flood in river

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आगरा। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) व राजस्थान (Rajasthan) में लगातार हो रही बारिश (Rain) के कारण पहले से उफन रही चंबल नदी (Chambal river) में गुरुवार रात अचानक बाढ़ (Flood)) जैसी स्थित बन गयी। कोटा बैराज (Kota barrage) से पानी छोड़े जाने के बाद चंबल नदी के खतरे के निशान के नजदीक पहुंच गयी। आलम ये है कि पानी खेतों और गांवों में घुस गया। फसल डूब गई। लोग सुरक्षित स्थानों की ओर जा रहे हैं।
हाई अलर्ट
गुरुवार शाम चंबल नदी के बहाव में अचानक तेजगति आई। मिट्टी मिश्रित पानी आने लगा। इसे देखते ही जानकार समझ गये कि नदी का जलस्तर बढ़ रहा है। बुधवार से लगातार बढ़ रहा जलस्तर शनिवार सुबह तक 129 मीटर तक पहुंच गया है। जबकि खतरे का निशान 132 मीटर पर है। चंबल नदी पिनाहट घाट पर महज खतरे के निशान से 3 मीटर दूर बह रही है। नदी के जलस्तर के बढ़ने का सिलसिला जारी है। इसे देखते हुऐ शुक्रवार सुबह से ही शासन प्रशासन हाई अलर्ट पर हो गया।
इन गांवों में घुसा पानी

ग्रामीण क्षेत्रों में चंबल के पानी से हलचल मची हुई है। कई गांवों का संपर्क मार्ग टूट गया है। कई गांव तहसील मुख्यालय से संपर्क से दूर हैं, जहां प्रशासन द्वारा ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के निर्देश दिए हैं। वहीं लेखपालों की टीम बराबर इन कामों पर विशेष ध्यान दे रही है। चंबल की तलहटी में से बाह- पिनाहट क्षेत्र के गांव गौहरा, भटपुरा, रानीपुरा, कछियारा, उमरेठापुरा, बीचकापुरा, रेहा, गुढ़ा, शिवलालकापुरा, जेबरा, डोंगरा पानी की चपेट में आ गए हैं। ग्रामीण विवेक कुमार, प्रशांत कुमार, देवेन्द्र कुमार, मनीष कुमार ने बताया कि स्थिति भयावह होने जा रही है। हम सुरक्षित स्थानों की ओर जा रहे हैं। न जाने कब बाढ़ आ जाए। धीरे-धीरे करके पानी बढ़ रहा है।
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बाढ़ नियंत्रण चौकियां सतर्क

उप जिलाधिकारी द्वारा राजस्व विभाग की टीमें बनाकर तटवर्ती गांवो का सर्वे कराया जा रहा है। बाढ़ नियंत्रण चौकियां सतर्क कर दी गयी। जिन गांव में नदी के पानी के भरने की आशंका है, उन पर पल-पल नजर रखने के निर्देश दिये गये। वन विभाग के अनुसार राजस्थान स्थित कोटा बैराज से तीन बार में बुधवार को 77800 हजार क्यूसेक, गुरुवार सुबह 24000 क्यूसेक, गुरुवार को ही दोपहर करीब 60,600 क्यूसेक पानी चंबल नदी में छोड़ा गया, जो शनिवार को पिनाहट घाट पहुंच गया। शनिवार शाम तक तक नदी खतरे के निशान के नजदीक पहुंच सकती है। अभी नदी खतरे के निशान से महज दस मीटर नीचे बह रही है। नदी के तेज बहाव को देखते हुऐ तटवर्ती गांवों के निवासियों को भारी चिंता हो रही है। उनका मानना है कि नदी का जलस्तर और बढ़ा तो उनके गांव मे चपेट में आ सकते हैं।
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चरवाहों को निर्देश

उपजिलाधिकारी बाह महेश प्रकाश गुप्ता ने बताया कि चंबल नदी के बढ़ते जलस्तर के कारण शासन प्रशासन हाई अलर्ट पर है। टीमें गांवों का सर्वे कर रही है। प्रशासन द्वारा चंबल के पानी के बहाव को देखते हुए चरवाहों को अपने पशुओं को चंबल के बीहड़ में नहीं ले जाने के निर्देश दिए गए।

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